-सोते समय भड़की थी आग, नहीं मिल पाया बचने का मौका बालिकाओं के पिता गोविंद सिंह सौंर ने बताया कि दोपहर को तीनों बेटियां झोपड़ी में सो रहीं थीं। मैं समीप ही प्याज के खेत में सिंचाई कर रहा था और मेरी पत्नी भी वहीं खेत में भाजी तोड़ रही थी। अचानक देखा कि झोपड़ी से आग की लपटें निकल रहीं हैं। दौड़कर पहुंचे, लेकिन तब तक आग से बेटियां झुलस चुकी थीं। झुलसी हालत में हटा अस्पताल लेकर आए।
-दमोह रेफर किया, जहां दो ने तोड़ा दम स्थानीय ग्रामीणों की मदद से तीनों बहनों को सिविल अस्पताल हटा लाया गया, यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया। हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर किया। शाम करीब 6.45 बजे बालिकाएं जिला अस्पताल पहुंची, जहां बालिका हीर और जानवी को मृत घोषित कर दिया। वहीं कीर्ति की हालत भी नाजुक बताई जा रही है।
-बंडा से बरोदामजूदरी करने आए पीडि़त गोविंद सिंह निवासी तरौलि तहसील बंडा जिला सागर ने बताया कि तीन माह पहले ही वह बरोदा के कल्लू सिंह के खेत पर मजदूरी करने के लिए आया। झोपड़ी में जब आग लगी, तो मैं समीप ही था। मैंने अपनी पत्नी से कहा कि बेटियां अकेलीं हैं। तुम वापस जाओ, तो उसने कहा कि अभी तीनों सो रहीं हैं। कुछ ही देर में झोपड़ी में आग लग गई।
वर्शन झोपड़ी में तीन बच्चियों के झुलसने की घटना सामने आई थी। उन्हें तुरंत हटा से दमोह पहुंचाया गया था। आग कैसे लगी है। इसकी जांच की जा रही है। इस घटना में दो की मौत हो चुकी है। एक की हालत गंभीर होने पर उसे जबलपुर रेफर किया गया है।
धर्मेंद्र सिंह, थाना प्रभारी हटा