इन स्थानों पर जलभराव न होने का दावा
– गर्ल्स डिग्री कॉलेज चौराहे समस्या- इस क्षेत्र में तीन से चार फीट तक पानी भर जाता है। कॉलेज आने वाली हजारों छात्राओं को परेशानी होती है। दावा- निगम अधिकारियों ने दावा किया है कि यहां पर पार्क को हटाकर नाला को चौड़ा किया गया है। साथ ही उसको एक दूसरे नाले से कनेक्ट किया है, जिससे इस बार जलभराव नहीं होगा।
– शासकीय बस स्टैंड समस्या- इस क्षेत्र में भी प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग आते हैं। यहां तेज बारिश होने पर दो से तीन फीट तक पानी भर जाता है। दावा- नाले को डायवर्ट कर दावा किया गया है कि अब जलभराव नहीं होगा।
एमएलबी स्कूल समस्या- जलभराव होने पर तीन से चार घंटे तक मार्ग बंद हो जाता है। दिन के समय बारिश होने पर स्कूल की छात्राएं परेशान होती हैं। दावा- नाले की चौड़ाई बढ़ाई, एक दूसरे नाला से कनेक्ट किया।
इन संवेदनशील क्षेत्रों में कोई प्रयास नहीं
– कटरा बाजार यातायात पुलिस चौकी- एक दशक से समस्या है। नाले संकरे हैं, जिनके चौड़ीकरण के प्रयास नहीं किए गए। – जिला अस्पताल गेट व परिसर- यहां पर बीते चार-पांच साल से जलभराव की समस्या हो रही है। खास तौर पर गेट के सामने, जिससे एम्बुलेंस चालक व अस्पताल पहुंचने वाले लोग परेशान होते हैं। – राधा तिराहा- यहां पर दो साल से जलभराव हो रहा है, क्योंकि सीवर लाइन को नाले में क्रॉस करके डाला गया है, जिससे जलभराव होने लगा। – अप्सरा टॉकीज रेलवे अंडरब्रिज- 10 साल से समस्या, कोई प्रयास नहीं।
– अहमदनगर कॉलोनी- जलनिकासी की व्यवस्था नहीं, कोई बड़ा नाला भी नहीं। – बैंक कॉलोनी- नाले-नालियों पर अतिक्रमण, जलनिकासी की व्यवस्था नहीं। – तिरुपतिपुरम कॉलोनी- अव्यवस्थित विकास की वजह से यह क्षेत्र जलभराव की चपेट में आ गया। चार-चार फीट पानी भर जाता है।
– विट्ठलनगर- नालों पर अतिक्रमण होने के कारण विट्ठलनगर व मोमिनपुरा में जलभराव हो रहा है। – नया बाजार- यहां नाले पर दुकानें बना ली गईं हैं। दुकानों में चैम्बर बनाए गए हैं, जिनमें कई सालों से सफाई नहीं हुई।