शिकायत के बाद जागा प्रशासन
यह मामला 21 दिसंबर 2024 को तब उजागर हुआ जब सामाजिक कार्यकर्ता कौशल किशोर वंदे मातरम् ने संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण विश्नोई से अवैध कब्जे की शिकायत की थी। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और कार्यवाही शुरू की गई।
एएसआई की रिपोर्ट के बाद रोकी गई थी खुदाई
फरवरी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने बावड़ी का निरीक्षण किया। जांच में दूसरे तल की स्थिति कमजोर मिलने और गैस रिसाव की आशंका के चलते खुदाई कार्य रोक दिया गया था।
अवैध निर्माण पर चला प्रशासन का बुलडोज़र
इस बावड़ी की सीमा में गुलनाज बी का 90 गज का मकान आता था। नगर पालिका ने 10 जनवरी को उन्हें अवैध निर्माण का नोटिस दिया, जिसके बाद मकान का 50 गज हिस्सा ध्वस्त किया गया और परिवार को अन्यत्र स्थानांतरित होना पड़ा। फिलहाल वे 45 गज में नया निर्माण कर रह रहे हैं। प्रवेश पर प्रतिबंध, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
डीएम के निर्देश पर अब बावड़ी पर वाटरप्रूफ टेंट लगाने और सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं। बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित कर दिया गया है और पीएसी बल की तैनाती के साथ पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है।
प्रशासन का कहना है कि यह ऐतिहासिक धरोहर शहर की विरासत है और इसके संरक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।