भगवा वेशभूषा में दिखाई दीं ममता कुलकर्णी
ममता कुलकर्णी इस दौरान पूरी तरह साध्वी के रूप में नजर आईं। उन्होंने भगवा वस्त्र धारण किए हुए थे और उनके गले में रुद्राक्ष की कई मालाएं थीं। कंधे पर एक लंबा बैग टंगा हुआ था। वे मुख्य यजमान के रूप में शिलापूजन कार्यक्रम में शामिल हुईं। उनके साथ कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम् भी मौजूद रहे।
सत्संग और भंडारे में भी होंगी शामिल
शिलापूजन कार्यक्रम के बाद ममता कुलकर्णी सत्संग और भंडारे में भी भाग लेंगी। अनुमान है कि ममता कुलकर्णी लगभग ढाई घंटे तक कल्कि धाम में रुकेंगी। महाकुंभ में बनी थीं सुर्खियों का केंद्र
ममता कुलकर्णी इस साल प्रयागराज महाकुंभ के दौरान अचानक सुर्खियों में आ गई थीं। 23 जनवरी को उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की। इसके बाद दोनों ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी से मुलाकात की और ममता को महामंडलेश्वर पद प्रदान किया गया। उनका नया नाम यामाई ममता नंद गिरि रखा गया। हालांकि इस पर संत समाज के कई वरिष्ठ संतों ने आपत्ति जताई थी। योग गुरु बाबा रामदेव और पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री समेत कई लोगों ने विरोध जताया था। रामदेव ने कहा था कि “कोई एक दिन में संत नहीं बन सकता।” इसके बाद ममता ने 10 फरवरी को महामंडलेश्वर पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन 12 फरवरी को उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी कल्कि धाम की आधारशिला
कल्कि धाम का निर्माण कार्य आचार्य प्रमोद कृष्णम् के निर्देशन में हो रहा है। इस पवित्र स्थल की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी 2024 को रखी थी। कल्कि धाम भगवान विष्णु के दशम अवतार कल्कि को समर्पित है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने बताया कि धाम के निर्माण में चार वर्ष का समय लगेगा और यह कार्य 21 फीट नीचे पत्थर की शिलाओं से शुरू होगा।