डीएफओ मयंक चांदीवाल ने तत्काल मुकुंदपुर जू, अमरपाटन और मैहर रेंज की संयुक्त रेस्क्यू टीम मौके पर भेजी। टीम ने रात 9 बजे रेस्क्यू शुरू किया। मगरमच्छ के खुले मैदान में होने से टीम को पकडऩे में काफी परेशानी हुई। करीब छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रात तीन बजे मगरमच्छ को पिंजरे में कैद किया जा सका।
बाणसागर डैम में छोड़ा
वन अधिकारियों ने बताया कि बाणसागर डैम के पास वाले गावों में बारिश के दौरान अक्सर मगरमच्छ आ जाते हैं। आठ फीट लंबे मगरमच्छ को सुबह बाणसागर में छोड़ दिया गया। रेस्क्यू दल में रेंजर सतीश चंद्र मिश्रा, रेंजर शुभम खरे, शिवम परौहा, अभिषेक परिहार, अभिषेक विश्वकर्मा, अखिलेश मिश्रा, व्यास पाण्डेय, सुशील पाण्डेय, अरुण सिंह, सीताराम व संजय शामिल थे।