न रेस्ट की जगह, न सुकून की नींद
रविवार को कोलकाता से आए यात्री आनंद सैनी ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन रिटायरिंग रूम बुक करने की कोशिश की थी, लेकिन सिस्टम पर बुकिंग नहीं हो सकी। जब स्टेशन के कार्यालय में जाकर पूछताछ की तो पता चला कि रिटायरिंग रूम की सुविधा पूरी तरह से बंद कर दी गई है। प्रतिदिन सतना से करीब सवा सौ ट्रेनें गुजरती हैं और रोजाना बीस हजार से अधिक यात्री यहां आते हैं, इसके बावजूद स्टेशन पर यात्रियों के लिए आराम करने की कोई सुविधा नहीं है। यात्रियों को या तो खुले प्लेटफॉर्म पर घंटों बैठकर समय काटना पड़ रहा है या फिर शहर के महंगे होटलों में रुकने का विकल्प चुनना पड़ रहा है। यह भी पढ़े –
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बीते साल रिटायरिंग रूम को IRCTC को हैंडओवर किया गया था। मार्च 2024 में रिनोवेशन के लिए ठेकेदार ने रिटायरिंग रूम के सभी छह कमरे और हॉल को बंद कर दिया। शुरुआत में दो-तीन महीनों तक कुछ काम हुआ लेकिन उसके बाद ठेकेदार ने काम बीच में ही छोड़ दिया और चला गया। इसके बाद यह तय किया गया कि स्टेशन के पुनर्विकास के तहत नई स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण होगा, इसलिए रिटायरिंग रूम का रिनोवेशन कराना अनावश्यक खर्च होगा। इसके चलते IRCTC ने अधूरे काम के साथ सुविधा पर ताला जड़ दिया, जो अब तक नहीं खुला है।
पुनर्विकास योजना की आड़ में सुविधा पर ब्रेक
अब रेलवे की योजना है कि आने वाले समय में मौजूदा रिटायरिंग रूम को पूरी तरह से डिस्मेंटल कर दिया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि नए स्टेशन भवन के निर्माण के बाद नए सिरे से रिटायरिंग रूम तैयार किया जाएगा, इसलिए अभी इसमें कोई निवेश करना उचित नहीं है। लेकिन इस सोच के कारण हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह भी पढ़े –
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स्टेशन प्रबंधक (वाणिज्य) अवध गोपाल मिश्रा ने बताया कि पहले रिटायरिंग रूम का रिनोवेशन शुरू हुआ था लेकिन जैसे ही स्टेशन पुनर्विकास योजना को स्वीकृति मिली, कार्य को रोक दिया गया। इस योजना के तहत नए रिटायरिंग रूम को पहले से कहीं अधिक सुंदर, आधुनिक और सुविधाजनक बनाया जाएगा। इन कमरों को होटल जैसी सुविधाओं से युक्त किया जाएगा ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके। लेकिन अभी तक इस पर न तो काम शुरू हुआ है और न ही इसकी कोई समय-सीमा तय की गई है।
हर दिन आते है 20 हजार यात्री
सतना रेलवे स्टेशन से रोजाना करीब 125 ट्रेनें गुजरती हैं और 20 हजार से ज्यादा यात्री इस स्टेशन पर आते हैं। इसके बावजूद उन्हें स्टेशन पर ठहरने के लिए एक भी रिटायरिंग रूम उपलब्ध नहीं है। यह स्थिति रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। यात्रियों को जिस सुविधा की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, वही साल भर से बंद है। गर्मी, लंबी दूरी की यात्रा और कनेक्टिंग ट्रेनों के इंतजार में लोग बेहद असहज महसूस कर रहे हैं।