scriptगायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर किशन मोदी के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रेड | Enforcement Directorate (ED) raid at the house of Kishan Modi, Director of Jayshree Gayatri Foods Pvt. Ltd. located in Pipaliya Mira. | Patrika News
सीहोर

गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर किशन मोदी के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रेड

पिपलिया मीरा स्थित जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (पनीर फैक्टरी)

सीहोरJan 31, 2025 / 01:59 pm

Kuldeep Saraswat

sehore news

पिपलिया मीरा स्थित जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड

सीहोर. पिपलिया मीरा स्थित जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड (पनीर फैक्टरी) के डायरेक्टर किशन मोदी, राजेन्द्र मोदी व पायल मोदी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत तलाशी अभियान चला रही है। बुधवार सुबह 10 बजे से फैक्टरी और पारस विहार फेस 02 स्थित आवास पर सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती के बीच शुरु हुई सर्चिंग शाम 7 बजे तक चली है। तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। 25 लाख रुपए की नकदी, बीएमडब्ल्यू और फॉच्र्यूनर जैसी लग्जरी कार, किशन मोदी की विभिन्न कंपनियों और परिवार के सदस्यों के नाम पर 66 करोड़ रुपए से अधिक की अचल संपत्ति, संपत्तियों के दस्तावेज व 6.26 करोड़ रुपए की सावधि जमा (एफडी) के रूप में चल संपत्ति भी जब्त कर ली गई है।
प्रशासन की तरफ से पूर्व में दो बार इस पनीर फैक्टरी का उत्पादन भी अस्थाई रूप से बंद कराया गया था। जिला प्रशासन ने मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर कार्रवाई करते हुए बिजली सप्लाई बंद कर पिछले साल 16 जुलाई को फैक्टरी का उत्पादन रोका। इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से पनीर फैक्ट्री के खिलाफ 19 जनवरी 2022 में कार्रवाई की गई थी, उस समय भी फैक्टरी का उत्पादन बंद कराया था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दोनों बार यह कार्रवाई फैक्टरी से निकलने वाले कैमिकल युक्त पानी को बिना ट्रीटमेंट के खेतों में छोडऩे को लेकर की थी। एक बार तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 1 करोड़ 20 लाख रुपए का जुर्माना भी वसूल चुका है।

किसान 200 से ज्यादा बार कर चुके शिकायत

फैक्टरी से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी बिना ट्रीटमेंट के बाहर छोड़ा जाता है। यह खेत होते हुए नाले में और फिर सीवन नदी में मिल जाता है। सीवन नदी का पानी इतना दूषित हो गया है कि ग्रामीण निस्तार कार्य में भी उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीण बीते कई साल से इस फैक्ट्री को बंद करने शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों की माने तो बीते करीब 5 साल में 200 से ज्यादा शिकायती आवेदन पनीर फैक्टरी के खिलाफ दिए गए हैं, लेकिन इन पर जांच के बाद कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती है। पिपलियामीरा गांव के ग्रामीण बताते हैं कि सीवन नदी में जिस जगह फैक्टरी से निकला गंदा पानी मिलता है, वहां कोई पशु पानी पीले तो उसकी मौत निश्चित है। पानी के संपर्क में आते ही शरीर में खुजली होने लगती है। बारिश के सीजन में तो फैक्ट्री प्रबंधन पर कई बार सीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड), बीओडी (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) पाउडर नदी में बहाने के आरोप लगते हैं।

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