डर का बन गया माहौल
इस घटना का मालूम पड़ते ही लसूडिय़ा ही नहीं बल्कि आसपास के पाड़लिया, अरोलिया, परोलिया, मेमदाखेड़ी, पटाड़ा चौहान आदि गांव के लोगों में डर पैदा हो गया है, उनका मानना हैकि जंगल से कभी भी निकलकर तेंदुआ उनको निशाना बना सकता है। इस वजह से वह घर से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। लसूडिय़ा के सरपंच प्रतिनिधि भैरु सिंह ने बताया कि उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इससे अवगत करा दिया है।ग्रामीणों का मानना है कि विभाग को जल्द कदम उठाकर तेंदुआ को कैद कर दूर जंगल ले जाकर छोडऩा चाहिए।
डेढ़ साल में सात से अधिक जगह नजर आया तेंदुआ
आष्टा तहसील क्षेत्र में बीते डेढ़ साल की बात करे तो सात से अधिक जगह रहवासी एरिया में तेंदुआ नजर आया है। पिछले साल तेंदुआ मेहतवाड़ा सेल फैक्ट्री तक में पहुंच गया था। विभाग को आनन फानन में निगरानी करने सीसीटीवी कैमरे और पकडऩे पिंजरा लगाना पड़ा था। हालांकि, जब काफी दिन बाद कैद नहीं हुआ तो पिंजरे को हटा लिया था। बागेर, अरनिया राम में भी इसी तरह से तेंदुआ पहुंच गया था।