बिजली कंपनी के अफसर हादसे को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं बता रहे हैं। सीहोर जिले में इससे पहले भी ऐसे कई गंभीर हादसे हुए हैं, जिनमें बिजली कंपनी की लापरवाही से कई आउटसोर्स कर्मचारियों की जान गई है।
बिजली कंपनी की लापरवाही से हादसा
यह फोटो आपको विचलित कर सकता है, लेकिन सिस्टम की हकीकत दिखाने के लिए आपको दिखाना जरूरी है। खंभे के ऊपर काम कर रहे कर्मचारी को करंट लगने से वह छटपटाया तो नीचे खड़े युवकों ने लकड़ी की मदद से उसे नीचे गिराने का प्रयास किया। इस दौरान कर्मचारी 11 फीट की ऊंचाई से जमीन पर आ गिरा।
आउटसोर्स कर्मचारी लाइन पर काम करने कैसे पहुंचा, अफसर अनभिज्ञ
जानकारी के अनुसार मुंडला में बिजली के खंभे पर काम करते समय आउटसोर्स कर्मचारी नरेंद्र सिंह सिसौदिया को करंट लग गया और वह तारों के बीच फंस गया। उसे दो खंभों के ऊपर तारों के बीच करंट से छटपटाते देख नीचे खड़े दो युवकों ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन उनके पास मदद के लिए एक लकड़ी के अलावा कुछ नहीं था। युवकों ने नरेंद्र को बचाने के लिए लकड़ी की मदद से उसे धक्के लगाए, जिससे आउटसोर्स कर्मचारी 11 फीट ऊंचे बिजली के खंभे से नीचे जमीन पर गिरा। बेहोशी की हालत ने उसे जमीन से उठाकर उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पीडि़त नरेंद्र के परिजन सदमे में हैं। बिजली कंपनी के कर्मचारी कुछ भी स्पष्ट कहने से बच रहे हैं। बिजली कंपनी के अफसरों का तर्क है कि आउससोर्स कर्मचारी नरेंद्र बिजली की लाइन पर काम करने कैसे पहुंचा, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
उसे बिजली लाइन पर काम करने का आदेश किसने दिया, बिजली सप्लाई बंद करने के लिए परमिट लिया गया था या नहीं इसके बारे में रिपोर्ट तलब की गई है। पीडि़त के कुछ साथी बता रहे हैं कि जिस समय नरेंद्र बिजली के खंभे पर चढ़ा था, सप्लाई बंद थी, काम पूरा कर वह खंभे से नीचे आता, उसके पहले ही बिजली सप्लाई चालू हो गई।
क्या बोले जिम्मेदार
आउटसोर्स कर्मचारी नरेंद्र सिसौदिया अकेले ही था और लाइन पर चढ़ गया था। उसने इस बारे में किसी को नहीं बताया। परमिट था या नहीं और लाइन बंद थी या चालू, जानकारी ले रहे हैं। सुधीर शर्मा, एसइ बिजली कंपनी