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सिवनी

एमपी के इस जिले में क्यों बंद हो रहे सरकारी स्कूल, यह है कारण

government school news: सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को लेकर राज्य स्तर से आदेश-निर्देश तो जारी हो रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है…।

सिवनीApr 17, 2025 / 06:59 pm

Manish Gite

government school

सिवनीः मात्र दो विद्यार्थी वाला पटरा टोला प्राथमिक शाला।


government school news: सिवनी जिले के आठ विकासखण्ड में दो हजार से ज्यादा सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक शाला हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जहां पढ़ रहे विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है। एक दर्जन से ज्यादा स्कूल तो ऐसे भी हैं, जिनमें दर्ज संख्या शून्य होने के कारण इस वर्ष बंद कर दिया गया है। प्राथमिक शाला चावरमारा, रोशान, कंडीपार, कंजई, गोंडीटोला, भरवेली, पाथरफोड़ी रैयत के अलावा कई और गांव के स्कूलों में कोई भी विद्यार्थी पढ़ने नहीं आ रहा था, यानि दर्ज संख्या शून्य होने के कारण इनको बंद कर दिया गया है।
देखा जाए तो सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को लेकर राज्य स्तर से आदेश-निर्देश तो जारी हो रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर संसाधनों की कमी और शिक्षकों की मनमानी के कारण सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक शाला में विद्यार्थियों की संख्या साल दर साल घट रही है। जबकि उन्हीं क्षेत्र में प्राइवेट स्कूल और विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी हैं।
जिला शिक्षा केन्द्र से मिली जानकारी के मुताबिक यू-डाइस 2023-24 के मुताबिक प्राथमिक स्तर की 130 शाला ऐसी हैं, जिनकी दर्ज संख्या 10 या 10 से कम है तथा माध्यमिक स्तर की 22 शालाओं की दर्ज संख्या 20 या 20 से कम है। इन कम दर्ज संख्या वाली शालाओं का सत्यापन कराया गया था। जिसके बाद एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों में दर्ज संख्या शून्य होने के कारण इनको बंद करना पड़ा।

घर-घर भेजे जा रहे शिक्षक

कक्षा एक से आठ में 1.65 लाख बच्चे थे। अब तक 64 हजार बच्चों का सत्यापन हो चुका है। शिक्षा पोर्टल में वर्तमान में क्लास अपडेशन हो रहा है। 3.0 ऐप लांच किया गया है। जिसमें सभी शिक्षक अपने आइडी-पासवर्ड से बच्चों की दर्ज संख्या डाल रहे हैं। अभी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। 3.0 ऐप में राज्य स्तर से बच्चों की संख्या भेजी गई है, जिसका सत्यापन किया जा रहा है। इसके अलावा कलेक्टर के माध्यम से 37 हजार बच्चों का एक अतिरिक्त डेटा दिया गया है, उसका पंचायतवार सत्यापन किया जा रहा है। शिक्षक और जनशिक्षक घर-घर जाकर बच्चों के शाला प्रवेश सम्बंधी सत्यापन में लगे हैं। जो बच्चा जिस कक्षा का है, उसको शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, ये प्रयास हैं। अगले दो दिन में जो काम शेष रह गया है, उसको समाप्त कर लिया जाए। ऑनलाइन और ऑफलाइन डेटा का मिलान किया जाएगा।

कलेक्टर की पहल से बढ़ी उम्मीदें

शिक्षा और संसाधनों को बेहतर बनाने में सिवनी कलेक्टर संस्कृति जैन व्यक्तिगत रूप से रुचि ले रही हैं। फर्श पर बैठ रहे प्राथमिक और माध्यमिक शाला के बच्चों के लिए डेक्स-बेंच उपलब्ध कराने उन्होंने मुहिम शुरू की है, जिसमें आमजनों, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों से बतौर उपहार बच्चों के लिए ये सुविधा दिलाई जा रही है। अब तक 500 से ज्यादा डेक्स-बैंच सरकारी स्कूलों को मिल चुके हैं। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में दर्ज संख्या बढ़ाने के लिए कलेक्टर के निर्देश पर जिले की सभी आंगनबाड़ी से डेटा जुटाया है, जिसमें 30 सितम्बर 2025 को छह साल की उम्र पूरी कर रहे बच्चों की सूची मांगी है। उसके आधार पर बच्चों का सत्यापन हो रहा है। इन बच्चों का प्रवेश एक अपे्रल को शासकीय शाला में करा लिया गया है। इससे हर एक बच्चा शिक्षा से जुड़ेगा और अधिकतम बच्चे शासकीय शाला में आ जाएंगे। इसके अलावा समग्र पोर्टल का डेटा का भी सर्वे हो रहा है। इससे कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा।

वर्ष 2023-24 के 10 से कम दर्ज संख्या वाले प्राथमिक शाला

विकासखंड शाला

बरघाट 11
छपारा 17
धनौरा 01
घंसौर 26
केवलारी 20
कुरई 16
लखनादौन 13
सिवनी 26

क्या कहते हैं जिम्मेदार

विकासखंड के कुछ स्कूलों में बीते वर्ष से ही दर्ज संख्या बेहद कम हो गई थी, इस सत्र में पांच स्कूल ऐसे हैं, जिनको शून्य दर्ज संख्या के कारण बंद कर दिया गया है। इसके पीछे आरटीई से बच्चों के प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश और कई कारण हैं।
सतीश साहू, बीआरसीसी केवलारी


कुरई विकासखंड में कुछ स्कूलों में दर्ज संख्या कम होने के कारण बंद करने की स्थिति बनी है। राज्य व जिला शिक्षा केन्द्र से शाला संचालन के जैसे निर्देश प्राप्त होते हैं, वैसे कार्य कराया जा रहा है। इस सत्र के लिए शालाओं में प्रवेश जारी हैं।
पीडी नाग, बीआरसीसी कुरई


सिवनी विकासखण्ड के प्राथमिक शाला उर्दू बखारी को दो साल पहले दर्ज संख्या शून्य होने के कारण व बालक उर्दू माध्यमिक शाला सिवनी को पिछले सत्र में दर्ज संख्या शून्य होने से बंद रखा गया था, बालक उर्दू सिवनी में अब दर्ज संख्या आने से पुन: शुरु किया है। प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, इस बार अच्छी दर्ज संख्या की उम्मीद है।
अरूण राय, बीआरसीसी


जिले में कुछ स्कूलों में दर्ज संख्या शून्य होने से बंद करना पड़ा था। इस वर्ष विशेष प्रयास के साथ दर्ज संख्या बढ़ाने प्रवेश प्रक्रिया जारी है। फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि कितने स्कूलों में कितनी दर्ज संख्या होगी। शिक्षक घर-घर सर्वे कर हर बच्चे की जानकारी जुटा रहे हैं।
-एमके बघेल, डीपीसी सिवनी

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