scriptउपार्जन केंद्रो में धान रखने जगह नहीं, समितियां किसानों को न तो बारदाना दे रहीं और न ही खरीदी कर रहीं | There is no place to store paddy in the procurement centres, the committees are neither giving sacks to the farmers nor purchasing them | Patrika News
शाहडोल

उपार्जन केंद्रो में धान रखने जगह नहीं, समितियां किसानों को न तो बारदाना दे रहीं और न ही खरीदी कर रहीं

एक सप्ताह से किसान लगा रहे केंद्र के चक्कर, कोई सुनने वाला नहीं

शाहडोलJan 05, 2025 / 12:01 pm

Kamlesh Rajak

एक सप्ताह से किसान लगा रहे केंद्र के चक्कर, कोई सुनने वाला नहीं
शहडोल. जिले के ब्यौहारी क्षेत्र में खरीदी गई धान का समय पर परिवहन न होने से खरीदी व्यवस्था बिगड़ रही है। खरीदी केंद्रो में किसान अपनी उपज बेचने परेशान हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि समिति प्रबंधक किसानों को यह कहकर लौटा दे रहे हैं कि केंद्र में धान रखने की जगह ही नहीं है वह खरीदी कैसे कर लें। बताया जा रहा है कि धान खरीदी प्रारंभ होने के बाद से ही धान का उठाव नहीं किया गया, इससे केंद्रों में चारो तरफ धान के बोरों के ढ़ेर लग गए हैं। अब केंद्रों में धान रखने की गुंजाइश ही नहीं बची है। वहीं किसानों व स्थानीय लोगों का आरोप है कि केंद्रों में व्यापारियों से धड़ल्ले से धान खरीदी जा रही है और किसानों को बारदाने ही नहीं दिए जा रहे हैं। ब्यौहारी क्षेत्र के धनेरा व उफरी खरीदी केंद्र में भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने मिली। बताया जा रहा है कि दोनों ही खरीदी केंद्र में किसान धान बिक्री के लिए परेशान हो रहे हैं। स्थिति यह है कि एक सप्ताह से अधिक समय से किसान केंद्र के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें न तो बारदाना दिया जा रहा है और न ही उनकी धान खरीदी की जा रही है। किसानों का आरोप है कि व्यापारियों को बारदाने भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं और उनसे धान भी खरीदी जा रही है। इस अनियमितता को लेकर किसानों में आक्रोश भी देखने मिल रहा है। केंद्रों में अव्यवस्था का आलम व्याप्त है। किसानों का कहना है कि उन्हे अपनी धान को तौलने की व्यवस्था खुद करनी पड़ती है। जगह ना होने के कारण पहले से रखी बोरी खुद सीना पडता है और उनको रखना भी पडता है। इसके बाद कहीं जाकर जगह बनाकर अपनी धान बेंच पाते हैं। बताया जा रहा है कि खरीदी केंद्र उफरी में व्यापारियों से धड़ल्ले से धान खरीदी हो रही है। इससे पहले भी ग्राम उफरी खरीदी केंद्र व लैम्पस के कर्मचारियों के द्वारा की गई गड़बड़ी के चलते इसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार से कार्रवाई नहीं हुई। अब उफरी मे खैरा सोसाइटी के नाम से खरीदी केंद्र की अनुमति दी गई है। यहां फिर से अनियमितता शुरु हो गई है।

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