क्यों हुई तबियत खराब?
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने शनिवार को हुए भंडारे का खाना पैक करवाकर घर लाया था और अगले दिन भी उसे खाया। खाना बासी होने की वजह से रात में 2 बजे के लगभग गांव के कई लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। ग्रामीणों को उल्टी-दस्त और पेट दर्द की शिकायत होने लगी। सोमवार सुबह मामले की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची ओर लोगों के इलाज में जुट गई है। ये भी पढ़े- उज्जैन सिंहस्थ कुंभ मेले में शाही स्नान का समय फिक्स, समीक्षा बैठक में लिया गया फैसला स्वास्थ्य विभाग की टीम कर रही जांच
मौके पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बीमार लोगों का तुरंत इलाज शुरू किया। 60 लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य विभाग ने मामोनी कला, लड़ाईपुरी और तरपन का पुरबा समेत 6 गांवों डॉक्टरों की टीम तैनात की है। इसमें शिवपुरी से मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. एसके पिप्पल और बीएमओ रोहित भदकारिया सहित नर्सिंग स्टाफ शामिल है।
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स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारीयों की शुरूआती जांच में फूड पॉइजनिंग का मामला सामने आया है। अब तक 170 ग्रामीणों की जांच की जा चुकी है जिनमें उल्टी, दस्त और बुखार के लक्षण मिले हैं। फिलहाल सभी मरीजों का इलाज जारी है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।