Shivpuri के लोगों को डाक विभाग ने दिया शानदार तोहफा, बनेगा पोस्टल डिविजन
शिवपुरी डिवीजन बनने से स्पीड पोस्ट, पार्सल, कोरियर, आधार सेवाएं, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, बुजुर्ग पेंशन वितरण जैसे काम स्थानीय स्तर पर तेजी से हो सकेंगे।
Madhya Pradesh Circle में डाक विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। डाक विभाग के स्थापना निदेशालय (Directorate of Establishment) ने शिवपुरी डाक संभाग (Shivpuri Postal Division) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह नया डिवीजन मुरैना और गुना डाक संभागों के पुनर्गठन से अस्तित्व में आएगा। आदेश में साफ किया गया है कि इस डिवीजन के संचालन और पुनर्गठन से जुड़े खर्च को मौजूदा फंड आवंटन से ही पूरा किया जाएगा और कोई अतिरिक्त रकम नहीं मिलेगी। साथ ही 1 साल बाद इस नए डिवीजन की समीक्षा की जाएगी, जिससे इसकी प्रभावशीलता का आंकलन किया जा सके।
आइए जानते हैं इस बदलाव से जनता को 5 बड़े फायदे क्या होंगे:
स्थानीय स्तर पर बेहतर डाक सेवाएं
डायरेक्टर (ईस्ट) अर्नब अइच के मुताबिक अब शिवपुरी जिले के लोगों को डाक सेवाओं के लिए मुरैना या गुना जैसे दूरस्थ डिवीजनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। शिवपुरी डिवीजन बनने से स्पीड पोस्ट, पार्सल, कोरियर, आधार सेवाएं, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक, बुजुर्ग पेंशन वितरण जैसे काम स्थानीय स्तर पर तेजी से हो सकेंगे। इससे डिलीवरी टाइम घटेगा और लोगों की समस्याओं का हल जल्द होगा।
डिलीवरी में दिक्कत कम होगी
मौजूदा मुरैना और गुना डिवीजनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र बहुत बड़े हैं, जिससे प्रशासनिक निगरानी और डिलीवरी में दिक्कत आती थी। नया डिवीजन बनने से वर्कलोड बंटेगा और प्रशासनिक निगरानी और जवाबदेही मजबूत होगी। शिवपुरी में बैठा डाक अधीक्षक अब सीधे स्थानीय समस्याओं को प्राथमिकता दे सकेगा।
आदेश में साफ है कि समूह ‘B’ और ‘C’ कर्मचारियों का पुनःनियोजित किया जाएगा ताकि नई यूनिट में स्टाफ की उपलब्धता बनी रहे। इससे स्थानीय युवाओं के लिए डाक विभाग में नौकरी के अवसर बढ़ सकते हैं, खासकर जब डिवीजनल ऑफिस, सब-डिवीजन और फील्ड ऑफिस का विस्तार होगा।
ग्रामीण और पिछड़े इलाकों को फायदा
शिवपुरी जिले और आसपास के ग्रामीण इलाके जैसे पोहरी, करैरा, खनियांधाना, पिछोर आदि डाक नेटवर्क से पूरी तरह नहीं जुड़ पाए थे। अब इन क्षेत्रों में नई शाखाओं और उप-डाकघरों के खुलने की संभावना बढ़ेगी, जिससे डिजिटल बैंकिंग, ऑनलाइन पेमेंट, आधार सेवाओं जैसे डिजिटल इंडिया मिशन को बल मिलेगा।
खर्च पर नियंत्रण और वित्तीय अनुशासन
डाक निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि डिवीजन के गठन में खर्च को न्यूनतम स्तर पर रखने के लिए कोई भी अतिरिक्त बजट नहीं दिया जाएगा। इससे यह तय होगा कि नए डिवीजन का गठन आर्थिक रूप से टिकाऊ और जवाबदेह ढंग से हो। साथ ही 1 साल के भीतर इसका Expense Coverage Ratio (ECR) का भी मूल्यांकन होगा ताकि इसकी प्रभावशीलता का सही आंकलन किया जा सके।
क्या है आगे की कार्यवाही?
मध्य प्रदेश सर्किल को यह भी निर्देश मिला है कि 1 साल बाद मुरैना, गुना और शिवपुरी डिवीजन की समीक्षा कर रिपोर्ट भेजी जाए। निरीक्षण वाहन जैसी अतिरिक्त जरूरतों को अलग से प्रस्तुत किया जाए।
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