मौसमी बीमारियों ने लगभग महामारी का रूप ले लिया है। नए मरीज भी चिन्हित संवदेनशील क्षेत्रों से ही ज्यादा संख्या में निकल रहे हैं। हालांकि मलेरिया, डेंगू के मच्छरों का डंक से अब पॉश एरिया के लोग भी सुरक्षित नहीं बचे हैं। पिछले साल कोरोना के खतरे के बीच स्वास्थ्य विभाग सतर्क था। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मी और आशा कार्यकर्ताओं को सक्रिया रखा। इस बार अब जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया-डेंगू लार्वा पहचान और विनिष्टीकरण की जानकारी दी जा रही है। जिम्मेदारों के हरकत में आने की देर का खामियाजा लोग भुगत रहे है।

इस चेन से इस बार भी डेंगू की दस्तक
स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार शहर में डेंगू आमतौर पर तीन चेन के जरिए पैर पसारता है। आसपास के जिले मलेरिया के लिए संवेदनशील हैं। इन क्षेत्रों से बारिश के बाद मलेरिया, डेंगू के मरीज उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में आते हैं। इसके बाद गढ़ा, पुरवा, परसवाड़ा क्षेत्र में डेंगू की दस्तक होती है। फिर शहर में फैलाव होता है। दमोहनाका स्थित एक निजी अस्पताल में आनंद नगर, रजा चौक, रद्दी चौकी से वर्षा काल में बुखार के मरीज आते हैं। इसके बाद बीमारी फैल जाती है। इस बार रांझी में डेंगू की शुरुआत है। ये क्षेत्र मलेरिया संवदेनशील कुंडम से लगा हुआ है।
शहर में संवेदनशील क्षेत्र
शारदा चौक, मदनमहल, आमनपुर, मुजावर मोहल्ला, सूपाताल, गढ़ा, शास्त्री नगर, धनवंतरि नगर, गढ़ा-पुरवा, संजीवनी नगर, गढ़ा बाजार, गुलौआ चौक, सुहागी, कंचनपुर, अधारताल, रद्दी चौकी, गोहलपुर, चारखंभा, हनुमानताल, घमापुर, प्रेम सागर, लालमाटी, शीतलामाई, सिद्धबाबा, रांझी बारापत्थर, केंट, रामपुर, परसवाड़ा।
गुरुवार को 16 नए मरीज मिले
16 नमूने की स्वास्थ्य विभाग के एलायजा टेस्ट रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव है।
570 डेंगू पॉजिटिव अभी तक इस साल सरकारी रेकॉर्ड में दर्ज हुई है।
1338 घरों का शनिवार को सर्वे। इसमें 6654 कंटेनर में लार्वा जांच।
79 घरों में इसमें जांच के दौरान 90 कंटेनरों में लार्वा पनपता मिला है।
569 बुखार पीडि़त सर्वे में मिलें है। इनकी आरडी किट से जांच हुई है।