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जलदाय मंत्री के सामने कैसे सवालों से घिरते रहे इंजीनियर, आ खिर में मंत्री को क्यों देनी पड़ी सफाई

शेखावाटी में पानी को लेकर सियासत लगातार गर्मा रही है। सीएम के यमुना पेयजल योजना को लेकर शेखावाटी निकाली यात्रा के बाद लोगों की उम्मीदें भी बढ़ती जा रही है। लेकिन सिस्टम की लापरवाही से सरकार की साख पर सवाल खड़े हो रहे है।

सीकरMay 25, 2025 / 12:35 pm

Ajay

Tikaram Jully and Kanhaiyalal Choudhary
सीकर.

शेखावाटी में पानी को लेकर सियासत लगातार गर्मा रही है। सीएम के यमुना पेयजल योजना को लेकर शेखावाटी निकाली यात्रा के बाद लोगों की उम्मीदें भी बढ़ती जा रही है। लेकिन सिस्टम की लापरवाही से सरकार की साख पर सवाल खड़े हो रहे है। गर्मी के मौसम में पेयजल इंतजामों को लेकर कलक्ट्रेट सभागार में जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी की मौजूदगी में समीक्षा बैठक हुई। इसमें जनप्रतिनिधियों के सवालों से जलदाय विभाग के अफसर पूरी तरह घिर गए। बैठक में लक्ष्मणगढ़ विधायक व पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने सरकार को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है लेकिन सरकार के पास कोई विजन नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 1500 करोड़ रुपए खर्च कर लक्ष्मणगढ़ व फतेहपुर इलाके के लोगों को इंदिरा गांधी नहर से पानी लाने की योजना बनाई थी, पानी भी आ गया। दिसम्बर 2024 में पानी की यह योजना पूरी होनी थी लेकिन अब 300 मीटर के टुकड़े का काम पूरा नहीं होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जब योजना के इंजीनियरों से बातचीत करते है तो वह कहते है कि चूरू के एक हारे हुए नेता ने पहले चूरू को पूरा पानी देने और फिर सीकर को पानी देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि और यहां चुनाव जीतने वाले बैठे है….। कांग्रेस सरकार के समय दोनों जिलों को पूरा पानी देने के लिए यह योजना बनाई थी, लेकिन अफसरों ने पूरी योजना पर पानी फेर दिया। इस पर जलदाय मंत्री ने आपणी योजना में अटके काम को 15 दिन में पूरा कराने के निर्देश दिए। बैठक में पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, धोद विधायक गोरधन वर्मा, पूर्व विधायक सीकर रतन लाल जलधारी, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज बाटड़, गजानंद कुमावत आदि ने कई मुद्दे उठाए। वहीं एडीएम रतन कुमार, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, एसई पीएचईडी आरके राठी, भूजल वैज्ञानिक दिनेश कुमार आदि ने जिले के पेयजल इंतजामों के बारे में बताया।

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बैठक में ऐसे घिरते गए जलदाय विभाग के इंजीनियर…..

1. काम अटका तो किसको बताया…

बैठक में लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविन्द सिंह डोटासरा व पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने जलदाय विभाग के अधिकारियों की जमकर क्लास ली। उन्होंने कहा कि लक्ष्मणगढ़-फतेहपुर पेयजल योजना का काम अटका तो फिर आपने किसको बताया। उन्होंने कहा कि मंत्री, कलक्टर, सासंद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि है….। यदि आपने किसी को बताया ही नहीं तो फिर काम कैसे होगा। इस पर डोटासरा ने कहा कि आपने आज बताया है और हम मिलकर 15 दिन में जो भी एनओसी चाहिए वह लाकर देंगे।
2. जल जीवन मिशन में कहां पानी आया, अफसरों के पास जवाब नहीं

बैठक में जनप्रतिनिधियों ने पूछा कि जल जीवन मिशन के तहत कौनसे गांव-ढाणियों में कितने कनेक्शन हुए और कितने घरों में पानी आया। इस पर इंजीनियर कोई जवाब नहीं दे सके। इस पर मंत्री ने जल्द सूची तैयार करने के निर्देश दिए है। वहीं जिला कलक्टर को जनप्रतिनिधि व विकास अधिकारियों के जरिए सूची का सत्यापन कराने की बात भी कही है।
3. कमी छिपाने के लिए विपक्षी विधायक को नहीं बुलाया, मंत्री को करने पड़े फोन

जलदाय विभाग के अधिकारियों ने जलदाय मंत्री के सामने कमी छिपाने के लिए कांग्रेस विधायकों को सूचना नहीं दी। बैठक में जब जलदाय मंत्री पहुंचे तो उन्होंने विपक्षी विधायकों के बारे में भी पूछा। अधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर खुद मंत्री ने पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा को फोन कर बुलाया।
4. गर्मी निकल जाएंगी फिर हैण्डपंप क्यों:

बैठक में हैण्डपंपों को लगाने में देरी के मामले में भी जलदाय विभाग के अधिकारी जमकर घिरे। बैठक में लक्ष्मणगढ़ विधायक ने कहा कि सरकार ने बजट में घोषणा की थी कि हर विधानसभा क्षेत्र में नए हैण्डपंप लगाएंगे। अब गर्मी के सीजन में ही हैण्डपंप नहीं लगेंगे तो फिर कब लगेंगे।
मंत्री बोले, सूची बनाओ जहां अब पानी नहीं पहुंचाया

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने जल जीवन मिशन और अमृत-2 योजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधीक्षण अभियंता, सीकर को विधानसभावार उन गांवों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए जहां अभी तक पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई है।
सात हजार करोड़ की योजना से सीकर, झुंझुनूं व चूरू के बचे हुए क्षेत्रों को मिलेगा पानी, जून में होंगे टेंडर

सीकर. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि सात हजार करोड़ रुपए की लागत से सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले के बचे हुए क्षेत्रों में कुंभाराम लिफ्ट कैनाल का पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जून में टेंडर किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान कैनाल के जिस आरडी से पानी लेना था उसमें पहले विवाद था। जिसे सुलझाने के बाद वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट ने इसे मंजूरी दे दी है। हरियाणा बोर्डर से सटे इलाकों में भी कुंभाराम लिफ्ट कैनाल के तहत काम किया जा रहा है। इसके अलावा जहां जरूरत पड़ेगी, वहां टयूबवैल बनवाए जाएंगे और टैंकरों से पानी सप्लाई कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले जिला कलक्टरों को 50 लाख से ज्यादा का बजट नहीं दिया जाता था, अब भाजपा सरकार में इसे बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया गया है।

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