झेलना पड़ा मानसिक तनाव: छात्र
छात्र सोनू कुमावत ने कहा अपने पेपर राइटिंग पर पूरा विश्वास था। जब अंक कम आए तो तुरंत पुनर्मूल्यांकन करवाया और सच्चाई सामने आ गई। अब असली नंबर मिलने से संतोष है, लेकिन इस दौरान जो मानसिक तनाव झेलना पड़ा वह भी कम नहीं था। इस पूरे घटनाक्रम ने बोर्ड की अंक प्रविष्टि प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि ऐसे मामलों में जिम्मेदारी तय की जाए और आवश्यक सुधार सुनिश्चित किए जाएं।