ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना समय की मांग बन गई है। कोविड-19 महामारी के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर थी, वे गंभीर रूप से प्रभावित हुए। वहीं जिनकी इम्यूनिटी मजबूत थी, वे सुरक्षित रहे।
आयुर्वेद शास्त्र में इम्यूनिटी को रोगों से लडऩे की पहली दीवार माना गया है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने आहार विहार और दिनचर्या में बदलाव कर इम्यूनिटी को स्वाभाविक रूप से मजबूत करें।
डॉक्टर प्रदीप शर्मा ने बताया कि सूती कपड़े में 25 ग्राम गेहूं, 25 ग्राम मूंग, 25 ग्राम चना और 10 ग्राम मेथी को दो दिन पहले भिगोकर अंकुरित होने के लिए रखें। अपनी इच्छा अनुसार इसमें बादाम, किशमिश, काजू या अंजीर भी मिला सकते हैं। दो दिन बाद इस अंकुरित मिश्रण को एक प्लेट में निकालकर उसमें थोड़ी सी पिसी हुई काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें। यदि मीठा स्वाद चाहिए तो इसमें गुड़ या शहद भी मिला सकते हैं। यह अल्पाहार सभी आवश्यक पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ये करना जरूरी
1. योग, व्यायाम और प्रात भ्रमण सूर्योदय से पूर्व उठकर तांबे के पात्र में रखा गुनगुना जल पीने से पेट संबंधी विकार दूर होते हैं। प्रतिदिन 2.3 किलोमीटर भ्रमण करने से शुद्ध ऑक्सीजन मिलती है। नियमित रूप से प्राणायाम अनुलोम-विलोम, कपालभाति आदि और आसान करने से शरीर ऊर्जावान रहता है। 2. पौष्टिक आहार जैसा अन्न, वैसा मन और तन यह कहावत आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों में आंवला, नींबू, पपीता, संतरा, कीवी, गाजर, चुकंदर, पालक, दालें, दूध, दही, छाछ, पनीर, अंकुरित अनाज आदि शामिल हैं। इनका नियमित सेवन लाभकारी होता है।
3. संजीवनी पेय तुलसी, नीम, सौंठ, मुलेठी, जीरा, दालचीनी, काली मिर्च, मुनक्का, अंजीर आदि औषधीय पदार्थों को 4 गिलास पानी में उबालकर बना यह पेय इम्यूनिटी बढ़ाने में अत्यंत प्रभावी है। इसे दिनभर थोड़ा-थोड़ा पीने से पाचन और रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत होती है।
4. पर्याप्त नींद वयस्कों को प्रतिदिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। नींद पूरी न होने पर शरीर थका रहता है और इम्यूनिटी घटती है। 5. तनाव मुक्त जीवन
मानसिक तनाव इम्यूनिटी को कमजोर करता है। ध्यान, प्रार्थना, प्रकृति से जुड़ाव, संगीत, खेल जैसी गतिविधियां मानसिक संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं। 6. धूप का सेवन प्राकृतिक धूप विटामिन डी का प्रमुख स्रोत है। धूप में रोज 15-20 मिनट रहने से भी इम्यूनिटी बढ़ती है।
7. स्वच्छता का रखें ध्यान शरीर के साथ-साथ घरए रसोई और स्नानघर की स्वच्छता भी अनिवार्य है। इससे संक्रमण की संभावना कम होती है। 8. आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग गिलोय, अश्वगंधा, आंवला, तुलसी, शतावरी, हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च, त्रिफ ला, अर्जुन जैसे आयुर्वेदिक नुस्खों का नियमित सेवन इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
9. मोबाइल का सीमित उपयोग मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य पर असर डालता है। शोधों के अनुसार यह इम्यूनिटी को भी प्रभावित कर सकता है। आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार आहार, विहार, आचार और दिनचर्या को अपने जीवन में उतारें तो हम न केवल रोगों से दूर रह सकते हैं, बल्कि एक सुखी और स्वस्थ जीवन भी जी सकते हैं।
डॉ. प्रदीप शर्मा, वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारीए नीमकाथाना