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Rajasthan foundation day: वृहत्त राजस्थान की बैठक के लिए यहां से गए थे सोने के जुड़वा सिंहासन

इस बैठक में सरदार पटेल व जयपुर के राजा सवाई मानसिंह जिस रत्न जड़ित सोने के सिंहासन पर बैठे थे।

सीकरMar 31, 2025 / 09:35 am

Sachin

सीकर। आज राजस्थान दिवस है। आजादी के बाद देसी रियासतों के विलय से आज ही के दिन संगठित राजस्थान की स्थापना हुई थी। इस एकीकरण में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की सबसे अहम भूमिका रही। पर शायद ही कोई जानता है कि इसके लिए 30 मार्च 1949 को जयपुर में हुई अंतिम चरण की सबसे अहम बैठक में सीकर का भी अहम योगदान था। इस बैठक में सरदार पटेल व जयपुर के राजा सवाई मानसिंह जिस रत्न जड़ित सोने के सिंहासन पर बैठे थे, वह सीकर से भेजा गया था।

जयपुर में नहीं मिले दो सिंहासन

इतिहासकार महावीर पुरोहित बताते हैं कि 30 मार्च 1949 की वृहत्त राजस्थान की बैठक जयपुर के सिटी पैलेस में तय की गई थी। प्रदेश के एकीकरण में सरदार पटेल के योगदान को देखते हुए यहां के राजाओं ने उन्हें राजा सवाई मानसिंह के साथ सोने के सिंहासन पर बिठाने का फैसला किया। इसके लिए दो एक जैसे सिंहासनों की तलाश हुई तो वे कहीं नहीं मिले। इस पर सीकर के राजा कल्याण सिंह को सिंहासनों का जिम्मा सौंपा गया। अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उन्होंने ये दोनों सिंहासन जयपुर भिजवाए।

अंगरक्षक के साथ युवराज लाए सिंहासन

इतिहासकार पुरोहित के अनुसार बैठक के बाद भी जयपुर राजा ने सिंहासन वापस सीकर नहीं भेजे। इस पर सीकर के युवराज हरदयाल सिंह अपने अंग रक्षक सुल्तान सिंह के साथ जयपुर गए। वहां से दोनों ने एक- एक सिंहासन उठाकर अपनी गाड़ी में रखा और वापस उन्हें सीकर लाए। 1959 में जब नेपाल के युवराज महेंद्र वीर विक्रम साहदेव सीकर पहुंचे तो उन्हें भी इसी सिंहासन पर बिठाया गया था।

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