जुनून: पहले कला संकाय लेने का मन, फिर ली विज्ञान पत्रिका से खास बातचीत में महेश कुमार ने बताया दसवीं बोर्ड परिणाम में 97.17 फीसदी अंक हासिल किए तो यूपीएससी की तैयारी करने का मन बनाया। लेकिन बड़ी बहन व शिक्षकों ने विज्ञान लेकर नीट की तैयारी करने की सलाह दी। बहन की सीख को हमेशा जेहन में यादकर रखकर तैयारी। बारहवीं कक्षा में महेश ने 90.80 फीसदी अंक हासिल किए।
सीख: पहली बार में हर टॉपिक को अच्छे से पढ़ना होगा होनहार ने बताया कि जो भी काम करो पूरी शिद्दत से करो, मैंने तो माता-पिता के साथ शिक्षकों से यही सीखा है। दसवीं कक्षा में तभी से आदत है कि पहली बार में हर टॉपिक को इतने अच्छे से पढ़ो कि दुबारा जब भी कोई उस टॉपिक से कुछ भी पूछे तो सैकण्डों में उत्तर दे दें। पहली बार में हर टॉपिक के कॉन्सेप्ट क्लियर होने पर रिविजन में भी कम समय खर्च करना पड़ेगा। होनहार ने पत्रिका से खास बातचीत में बताया कि सफलता में सबसे अहम रोल दिनचर्या का होता है।
अब लक्ष्य: अच्छा सर्जन बनना ऑल इंडिया टॉपर गुरुकृपा के महेश ने बताया कि मेरा सपना दिल्ली एम्स में पढ़कर अच्छा सर्जन बन जरूरतमंद लोगों की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि जीवन में लक्ष्य कोई भी हो उसके अनुसार आगे बढ़ने वाले को हमेशा सफलता मिलती है।
सीकर से लगाव, गांव की मांटी से सीखा संघर्ष होनहार ने बताया कि सीकर में आकर पढ़ाई करना काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ। यहां के एज्युकेशन सिस्टम की वजह से मुझे शिक्षानगरी से लगाव है। वहीं गांव की माटी से मैंने संघर्ष सीखा जो हर कदम काम आया है।