राजस्थान पत्रिका ने भी समय-समय पर मंदिर के सामने हाइवे पर बनेे कट पर ब्रिज के अभाव में लोगों को आवागमन में हो रही परेशानी व हादसों को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था। ब्रिज बनने से आदिवासी बहुल भाखर व आसपास के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों का आवागमन सुरक्षित होगा और सड़क हादसे भी थमेंगे।
शीघ्र टेंडर प्रक्रिया
एनएएचआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने आबूरोड के हनुमान टेकरी के सामने हाइवे पर रोड अंडर ब्रिज बनाने को स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने पर ब्रिज निर्माण करवाया जाएगा। पूर्व में सरूपगंज-आबूरोड के बीच मंदिर के सामने हाइवे कट ब्लैक स्पॉट था। जहां एनएएचआई की ओर से सुरक्षा को ध्यान में रखकर कई सुधार कार्य करवाए गए। इसके बाद यह कट ब्लैक स्पॉट नहीं रहा।
17 साल इंतजार
क्षेत्र की जनता करीब 17 वर्ष से मंदिर के सामने कट पर रोड अंडर ब्रिज निर्माण की मांग कर रही थी। देवलोकगमन कर चुके टेकरी वाले हनुमान मंदिर के महंत कस्तुरनाथ महाराज ने इसको लेकर पूर्व मुयमंत्री, स्थानीय जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों ने केंद्र सरकार के मंत्रियों व एनएचएआई के उच्चाधिकारियों को कई पत्र भी लिखे थे। जिसमें मंदिर के सामने हाइवे पर हुए सड़क हादसों का उल्लेख किया था। अब जाकर ब्रिज का इंतजार खत्म हुआ है।
पंचायत ने लिया था प्रस्ताव
वर्ष 2007 में ग्राम पंचायत खड़ात की तत्कालीन सरपंच केसरी बाई की अध्यक्षता में ग्राम सभा में मंदिर के सामने हाइवे पर सर्किल या ओवरब्रिज बनाने का सर्वसमति से प्रस्ताव लिया था। मंदिर के महंत कस्तुरनाथ महाराज ने हाइवे निर्माण के समय 2007 में भी तत्कालीन मुयमंत्री को अंडर ब्रिज के लिए पत्र लिखकर ब्रिज नहीं बनने पर लोगों को होने वाली समस्याओं का उल्लेख किया था।
पूर्व मुयमंत्री गहलोत ने भी लिखा था पत्र
पूर्व मुयमंत्री अशोक गहलोत ने भी 3 अक्टूबर, 2011 को तत्कालीन केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी को पत्र लिखकर हाइवे पर सरूपगंज से पालनपुर प्वॉइंट 291 से 410 के मध्य अंडर ब्रिज बनवाने का आग्रह किया था। इससे पहले 2008 में भी तत्कालीन राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री टीआर बालू को पत्र लिखा था। साथ ही वर्तमान आबू-पिण्डवाड़ा विधायक समाराम गरासिया, आबूरोड पालिकाध्यक्ष मगनदान चारण, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी, हनुमान मंदिर के गादीपति प्रेमनाथ महाराज ने भी ब्रिज बनाने की मांग की थी।
ग्रामीणों को मिलेगी बड़ी राहत, थमेंगे हादसे
हाइवे पर मंदिर के पास कट से आबूरोड, आदिवासी बहुल भाखर व आसपास के दर्जनों गांवों के लोग प्रतिदिन आवागमन करते हैं। हर साल हनुमान मंदिर में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों में हजारों की संया में लोग शामिल होते हैं। हाइवे पर बड़ी संया में वाहनों की आवाजाही भी रहती है। ऐसे में सड़क पार करते समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। ब्रिज बनने के बाद लोगों को समस्या से निजात मिलेगी और सड़क हादसे थमेंगे।
पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया मुद्दा
राजस्थान पत्रिका में 30 नवंबर, 2024 को 17 साल से आरयूबी की मांग, जनप्रतिनिधियों के प्रयासों की अनदेखी शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर मंदिर के सामने हाइवे पर ब्रिज के अभाव में ग्रामीणों को आवागमन में हो रही बड़ी परेशानी व घटित हादसों की तरफ सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया था।