आबूरोड /सिरोही। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सशस्त्र बलों के सुरक्षा कर्मियों के त्याग-तप और बलिदान के कारण आज हम सुरक्षित हैं। 46 डिग्री टेंपरेचर से लेकर प्लस 46 डिग्री टेंपरेचर के अंदर हमारी सीमाओं की सुरक्षा वे अपने जीवन का स्वर्ण काल देकर करते हैं। तभी जाकर हम सुरक्षित है। सभी राज्यों की पुलिस भी कानून और व्यवस्था की स्थिति संभालकर हर निर्बल को संरक्षण देने का काम करती है।
गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को ब्रह्माकुमारीज़ के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन के डायमंड हॉल में संस्थान के सुरक्षा सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे। इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने दीप प्रज्जवलित कर सम्मेलन का शुभारंभ और प्रभाग की सिल्वर जुबली की लॉचिंग की। संस्थान की इस वर्ष की वार्षिक थीम- विश्व एकता एवं विश्वास के लिए ध्यान का भी राष्ट्रीय शुभारंभ किया।
भारत ने सबसे पहले वसुधैवकुटुंबकम की भावना विश्व को दी- गृहमंत्री शाह ने कहा कि 25 साल से हर एक सुरक्षा बल के अंदर जाकर इतने तनाव को कम करके अपने आत्मा को शांति की और कैसे ले जाना और उसके साथ शांत मन और स्वस्थ शरीर से देश की सुरक्षा को और अच्छे तरीके से करने की दिशा में ब्रह्माकुमारीज़ ने जो प्रयास किया है, इसकी मैं प्रशंसा करता हूं। योग और अध्यात्म से मन-बुद्धि, शरीर और आत्मा को एकरूप करके ज्ञान से प्रगति के रास्ते पर जाने के लिए और चिंतन से समस्याओं के निवारण के लिए नीतियों का सृजन करना ये भारत की बहुत पुरानी परंपरा है। वसुधैवकुटुंबकम की भावना, भारत ने सबसे पहले विश्व को दी।
—- आजादी की शताब्दी तक हम विश्व में सर्वोच्च अर्थतंत्र होंगे- गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के 75 साल के बाद जब पीछे मुड़कर देखते हैं तो हमारा देश बहुत बड़ी मंजिले तय कर आज विश्व में पांचवे नंबर का अर्थतंत्र बना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम कुछ ही सालों में विश्व में तीसरे नंबर का अर्थतंत्र बनेंगे। जब आजादी की शताब्दी मनाई जाएगी तो हम मोदीजी के नेतृत्व में विश्व में सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
—- योग के रास्ते से ही विश्व शांति आएगी- अमित शाह ने कहा कि के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बनाकर हमारी वैदिक परंपरा, ऋषि-मुनियों की सबसे अमूल्य धरोहर को समग्र विश्व को देने का काम किया। आज समूचे विश्व में आज करोड़ों लोग ध्यान और अध्यात्म के रास्ते पर अपने जीवन का कल्याण कर रहे हैं। ये रास्ता ही आने वाले दिनों में विश्व शांति का रास्ता बनने वाला है।
— अमित शाह बोले, यहां आकर मन को शांति का अनुभव हुआ ब्रह्माकुमारीज़ योग और ध्यान के माध्यम से पूरे विश्व में मानव के अंदर शांति और साधना का एक दीप प्रज्जवलित करने का कार्य कर रही है। जब मैं इस संस्थान में आया न मैंने कुछ सुना था, न कुछ किया था परंतु मन को शांति का अनुभव यहां आकर हुआ है।
— सेना से लेकर खेल तक हर क्षेत्र में योग काे शामिल किया जा रहा है: मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री ने देश की आंतरिक सुरक्षा, संवैधानिक सुधारों और राष्ट्रीय अखंडता को सशक्त करने वाले कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। जिनकी प्रतीक्षा देश दशकों से कर रहा था। मैं पूज्य राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी को भी श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन करता हूं, जो अब हमारे बीच नहीं हैं। उनका जीवन त्याग, प्रेम, सेवा, साधना और आध्यात्मिक अनुशासन की अनूठी मिसाल रहा है।
— राजयोग से मिलती है मानसिक शांति- ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिकाराजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि यदि अपने ही मन में शांति नहीं है तो हम कितनी ही कॉन्फ्रेंस कर लें, शांति की बात कर लें लेकिन कोई फायदा नहीं होगा। सबसे पहले हमें स्वयं के अंदर शांति लानी होगी। राजयोग मेडिटेशन से हमें मानसिक शांति प्राप्त होती है।
—- हेलीपेड पर इन्होेंने किया शाह का स्वागत- गृह मंत्री शाह के पहुंचने पर मानपुर हवाई पट्टी पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, प्रभारी मंत्री केके विश्नोई सहित अन्य ने अगवानी की। ब्रह्माकुमारीज़ के पदाधिकारी, जिला कलक्टर अल्पा चौधरी, पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने भी अभिनंदन किया। इस मौके पर भाजपा के पदाधिकारी सहित जिले के कई अधिकारी मौजूद रहे।
तीनों सेनाओं के 400 से अधिक अधिकारी-जवानों ने भी लिया भाग- सुरक्षा सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे जल सेना, थल सेना और वायु सेना के 400 से अधिक अधिकारी, जवान भी विशेष रूप से मौजूद रहे। ये सभी अधिकारी और जवान चार दिन तक आध्यात्मिकता और राजयोग ध्यान की बारीकियां सीखेंगे।
ब्रह्माकुमारीज़ परिवार भारत सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिकाराजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी ने कहा कि यदि अपने ही मन में शांति नहीं है तो हम कितनी ही कॉन्फ्रेंस कर लें, शांति की बात कर लें, लेकिन कोई फायदा नहीं होगा। सबसे पहले हमें स्वयं के अंदर शांति लानी होगी। राजयोग मेडिटेशन से हमें मानसिक शांति प्राप्त होती है। कार्यक्रम को अतिरिक्त मुख्य प्रशासिकाराजयोगिनी मुन्नी दीदी ने भी संबोधित किया।
अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने ब्रह्माकुमारीज़ परिवार की ओर से गृहमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि स्वर्णिम भारत बनाने के कार्य में ब्रह्माकुमारीज़ परिवार भारत सरकार के साथ हमेशा कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है। सेवा में समर्पित है। सुरक्षा सेवा प्रभाग की उपाध्यक्षा दिल्ली की बीके शुक्ला दीदी ने कहा कि हमने भौतिक रूप से तो बहुत तरक्की कर ली है, लेकिन हम आंतरिक रूप से कमजोर हो गए हैं। सुरक्षा सेवा प्रभाग का उद्देश्य हमारे जवानों को आंतरिक रूप से मजबूत करना, उन्हें सशक्त बनाकर राष्ट्र सेवा के लिए शक्तिशाली, मजबूत बनाना है।