इस क्षुद्रग्रह का नाम 2024 YR4 है। इस साल की शुरुआत में इसके कारण वैज्ञानिकों ने ‘प्लैनेटरी डिफेंस’ (ग्रह सुरक्षा) की तैयारी शुरू कर दी थी, क्योंकि शुरुआती आंकड़ों में इसके धरती से टकराने की संभावना 3% बताई गई थी।
बाद में नए आंकड़ों से पता चला कि इसका धरती से टकराने का खतरा बहुत ही कम — सिर्फ 0.0017% — है। हालांकि, चांद अब भी इसकी ज़द में है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से मिले ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, यह क्षुद्रग्रह चांद से टकरा सकता है और इसकी संभावना 4.3% तक है।
कनाडा की कुछ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस पर एक अध्ययन किया है (जिसकी अब तक समीक्षा नहीं हुई है)। उनके मुताबिक, अगर यह क्षुद्रग्रह चांद से टकराता है, तो वहां लगभग 1 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा बन सकता है, और लाखों किलो चांदी मिट्टी व पत्थर अंतरिक्ष में उड़ सकते हैं। इनका कुछ हिस्सा धरती की ओर बढ़ सकता है, जो कुछ दिनों में हमारे वायुमंडल में प्रवेश करेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, “अगर 2024 YR4 चांद से टकराता है, तो यह बीते 5,000 वर्षों में चांद पर सबसे बड़ा टकराव होगा।” इससे धरती पर दिखने वाली उल्कावर्षा बहुत ही आकर्षक हो सकती है।
हालांकि ज़्यादातर छोटे-छोटे (मिलीमीटर से सेंटीमीटर आकार के) चंद्र शिलाखंड धरती के वायुमंडल में घुसते ही जलकर नष्ट हो जाएंगे और मानवता को कोई खतरा नहीं होगा, लेकिन कुछ टुकड़े धरती की कक्षा में आ सकते हैं। ये टुकड़े उपग्रहों, अंतरिक्ष यानों और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ख़तरा बन सकते हैं।
इस अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. पॉल वाइगर्ट (यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ओंटेरियो) ने कहा कि चांद से यह टकराव ऊर्जा के मामले में किसी बड़े परमाणु विस्फोट जैसा होगा। उन्होंने कहा, “अगर एक सेंटीमीटर का पत्थर हजारों मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलता है, तो वह गोली जैसा असर करता है।”
इस अध्ययन से यह सुझाव भी मिला है कि ‘ग्रह सुरक्षा’ (planetary defence) के दायरे को सिर्फ धरती तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि चांद और उसकी कक्षा में मौजूद संभावित खतरों को भी ध्यान में रखना होगा।
NASA और दूसरी स्पेस एजेंसियां लंबे समय से धरती के लिए खतरनाक क्षुद्रग्रहों पर नजर रखती रही हैं और उनसे निपटने के उपाय भी कर रही हैं। लेकिन चांद को अब तक प्राथमिकता नहीं दी गई है।
2022 में NASA ने एक प्रयोग किया था, जिसमें DART (Double Asteroid Redirection Test) नाम का एक अंतरिक्ष यान एक क्षुद्रग्रह डिमॉर्फोस से टकराया और उसकी दिशा सफलतापूर्वक बदल दी गई। यह मिशन भविष्य में धरती की ओर बढ़ते खगोलीय पिंडों से रक्षा की तैयारी का हिस्सा था।
2024 YR4, जो सूरज की परिक्रमा करता है, फिलहाल धरती से बहुत दूर जा चुका है, इसलिए उसे ठीक से देखा नहीं जा सकता। उम्मीद है कि 2028 में यह दोबारा दिखेगा, जब वैज्ञानिक उसके आकार और दिशा की दोबारा जांच करेंगे।
हालांकि पहले कुछ चिंताएं थीं कि टकराव से चांद की कक्षा बदल सकती है, लेकिन NASA ने अप्रैल 2025 में इसे खारिज कर दिया।