थानाधिकारी दिनेश लखावत ने बताया कि जेल प्रशासन ने बंदियों के पास संदिग्ध सामग्री होने की आशंका पर जेल में वार्ड व बैरिक की तलाशी ली। इस दौरान वार्ड-4 के बैरिक-2 की दीवार में गड्ढा होने का अंदेशा हुआ। तलाशी लेने के दौरान गड्ढा दिखाई दिया। तलाशी ली गई तो एक की-पेड मोबाइल छिपा मिला। जेल प्रशासन ने बैरिक के बंदियों से पूछताछ की, लेकिन कोई भी बंदी मोबाइल के संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। जेल प्रशासन ने मोबाइल पुलिस को सुपुर्द कर अज्ञात बंदी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
आइपीएस व मजिस्ट्रेट को 20 मिनट गेट पर रोका था
गौरतलब है कि जेल में बंदियों के पास संदिग्ध सामग्री होने की आशंका पर आइपीएस व सहायक पुलिस आयुक्त पूर्व हेमंत कलाल व मजिस्ट्रेट की अगुवाई में 30 जनवरी को पुलिस तलाशी लेने जेल पहुंची थी, लेकिन जेल के एक अधिकारी ने जेल अधीक्षक के मौजूद न होना बताकर गेट पर रोक दिया था। करीब 20 मिनट बाद अंदर जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन पुलिस बिना तलाशी लिए लौट आई थी।