scriptगुलाबी सुंडी की मार झेल रहे किसानों को अब महंगा मिलेगा बीज | Patrika News
श्री गंगानगर

गुलाबी सुंडी की मार झेल रहे किसानों को अब महंगा मिलेगा बीज

-बीटी कॉटन के बीज की कीमत 4.2 प्रतिशत बढ़ी
-केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने नई मूल्य सूची जारी की,
– इस वर्ष पैकेट के चुकाने होंगे 37 रुपए तक ज्यादा
– गुणवत्ता और पैदावार में गिरावट पर किसान चिंतित
पत्रिका एक्सक्लूसिव-कृष्ण चौहान

श्री गंगानगरApr 12, 2025 / 01:37 pm

Krishan chauhan

  • श्रीगंगनगर.कपास पट्टी के नाम से विख्यात श्रीगंगानगर जिले के कपास उत्पादकों पर बीटी कॉटन के बीजों का मूल्य बढ़ाने करने पर आर्थिक भार पड़ेगा। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की नई अधिसूचना के अनुसार वर्ष 2025-26 के लिए बीटी कॉटन बीजों की अधिकतम विक्रय कीमतों में बढ़ोतरी की गई है।
  • बीजी-प्रथम की अधिकतम विक्रय कीमत 635 रुपए और बीजी-द्वितीय की 901 रुपए निर्धारित की गई है। यह मूल्य 475 ग्राम रिफ्यूजिया-इन-बैग (आरआइबी) पैकेट पर लागू होगा। इसमें पांच से 10 प्रतिशत गैर-बीटी कॉटन बीज शामिल हैं।सेवानिवृत्त उपनिदेशक कृषि श्रीगंगानगर मिलिन्द सिंह के अनुसार 2024-25 में बीजी-प्रथम की कीमत 635 रुपए थी,जो इस वर्ष भी स्थिर रही। वहीं, बीजी-द्वितीय के बीज की कीमत में 4.2 प्रतिशत अर्थात 37 रुपए की वृद्धि हुई है। बीजी-द्वितीय बीज की कीमत 864 रुपए से बढ़ाकर 901 रुपए की गई है।

बीटी किस्मों के अनुमोदन की सूची जारी नहीं की

  • राजस्थान सरकार ने चालू खरीफ सीजन के लिए बीटी कॉटन बीज उत्पादक कंपनियों के पंजीकरण की प्रक्रिया और किस्मों के अनुमोदन की सूची जारी नहीं की है। इससे किसान असमंजस में है। इससे कॉटन उत्पादन की लागत में वृद्धि और किसानों की आय पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

कीटनाशी की समस्या और घटती पैदावार

  • क्षेत्र मेें कपास की पैदावार घट रही है और गुलाबी सुंडी जैसे कीटों का प्रकोप बढ़ रहा है। अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी का कहना है कि कंपनियां खराब गुणवत्ता के बीज देती है। वहीं, केंद्र सरकार को बीजों के मूल्य में वृद्धि का निर्णय पलटना चाहिए।
  • कपास उत्पादन में गिरावट का आंकड़ा
  • कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2014-15 में कपास (लिंट यानी बिनौला रहित) की पैदावार 510.82 किग्रा प्रति हेक्टेयर थी, जो 2024-25 में घटकर 436.99 किग्रा प्रति हेक्टेयर रह गई है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि बीजों की कीमतों और गुणवत्ता पर पुनर्विचार करना चाहिए।

चार वर्ष में कॉटन बुवाई का रकबा

  • वर्ष बुवाई हेक्टेयर में
  • 2021-22 3,04564
  • 2022-23 3,62,909
  • 2023-24 4,20,540
  • 2024-25 2,50,376
  • स्रोत :कृषि विभाग, श्रीगंगानगर।

किसानों की आवाज

  • बीटी कॉटन की कीमतें बढऩे और गुणवत्ता संबंधी समस्याओं पर कोई कदम नहीं उठाया गया। गत दो वर्षों में कीटों का प्रकोप बढ़ा है। वहीं अब केंद्र सरकार ने बीज कंपनियों के दबाव में किसानों पर बोझ डालने का काम कर दिया।
  • — गुरलाल सिंह बराड़, किसान, श्रीगंगानगर।

Hindi News / Sri Ganganagar / गुलाबी सुंडी की मार झेल रहे किसानों को अब महंगा मिलेगा बीज

ट्रेंडिंग वीडियो