इसके बाद पत्रिका ने “कंडम बसों में बेबस यात्री” नाम से एक अभियान चलाकर नियमित रूप से रोडवेज की अव्यवस्थाओं की पोल खोलती हुई सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की गई। 2 अप्रेल को प्रकाशित “बसों के पुराने पहिये रास्ते में दगा दे रहे, यात्री सांसत में” शीर्षक वाली खबर ने विशेष रूप से जोखिम भरे स्थितियों की ओर ध्यान आकर्षित किया। इन समाचारों प्रकाशित होने के साथ ही जिला कलक्टर ने मुख्य आगार प्रबंधक से जवाब तलब किया। अभियान के बाद डिपो ने कंडम श्रेणी की पांच बसें मुख्यालय भिजवाने की कार्यवाही की है।
बसों में किया जा रहा सुधार आगार के मुख्य प्रबंधक नरेंद्र चौधरी ने बताया कि पांच बसों को कंडम घोषित कर मुख्यालय भिजवाने की कार्यवाही की है। साथ ही बसों के लिए नए टायरों की आपूर्ति करवा कर घिसे और पुराने टायर बदले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बसों का रखरखाव भी करवाया जा रहा और सीटों में भी सुधार का कार्य साथ ही साथ चल रहा है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके।