आखिर क्यों किया बसंत विहार कॉलोनी को नगर परिषद क्षेत्र से बाहर?
-एक किमी.दूरी की कॉलोनी को परिषद सीमा से बाहर जबकि दस किमी दूर गांव में हुए शहर में शामिल


- श्रीगंगानगर.नगर परिषद के वार्ड परिसीमन के दौरान ग्राम पंचायत चार जेड क्षेत्र में फंसी हुई एक बी छोटी बंसत बिहार कॉलोनी को नगर परिषद श्रीगंगानगर में शामिल कर लिया गया लेकिन अब इसे बाहर कर दिया गया। तीन पुली पर शहर से महज एक किलोमीटर दूरी पर स्थित यह कॉलोनी 1989 से राजस्थान कृषि भूमि में कन्वर्ट होकर आबादी क्षेत्र घोषित की गई थी। इस कॉलोनी में बिजली-पानी श्रीगंगानगर शहर से ही मुहैया करवाए जा रहे हैं। इसके बावजूद यह कॉलोनी राजनीति का शिकार हो रही है।
- कॉलोनी के लोगों का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर एक विधायक जयदीप बिहाणी से भी मिला परन्तु उनकी फरियाद नहीं सुनी गई। हालांकि एक पेच यह भी अड़ रहा है कि ग्राम पंचायत चार जेड की बसंत विहार कॉलोनी सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र में आ रही है। इस कुछ एरिया श्रीगंगानगर विधानसभा में भी आता है जो श्रीगंगानगर विधानसभा में शामिल है।
पहले वार्ड नंबर एक में किया शामिल
- राजस्थान सरकार के ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से 19 मार्च 2025 को जारी एक आदेश के तहत इस क्षेत्र को वार्ड नंबर एक में शामिल कर दिया गया था। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह जगह आबादी के दक्षिण दिशा में वार्ड नंबर एक के साथ जुड़ी हुई है और यह विधानसभा क्षेत्र श्रीगंगानगर के अंतर्गत आती है।
कॉलोनी के बाशिंदों के साथ हो रहा अन्याय
- कॉलोनी के निवासियों का आरोप है कि राजनीतिक रसूख और बड़े कॉलोनाइजरों की मिलीभगत के चलते उनकी कॉलोनी को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल होने के बावजूद बाहर कर दिया गया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आसपास की अन्य कॉलोनियां जैसे चार एमएल ग्राम पंचायत,श्रीनाथ कॉलोनी, और महादेव कॉलोनी,जो कि नगर परिषद क्षेत्र से लगभग दस किलोमीटर दूर हैं,उन्हें नगर परिषद क्षेत्र में शामिल कर लिया गया।
जिला कलक्टर से मुख्यमंत्री तक लगाई गुहार
- कॉलोनी के सेवानिवृत वरिष्ठ अध्यापक सुरेंद्रपाल सिंह, हरनेक सिंह, कृष्ण पारीक, श्रवण मेघा और अनिल राय ने इस मुद्दे को लेकर जिला कलक्टर डॉ.मंजू और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस कॉलोनी को नगर परिषद में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, तो प्रदर्शन किया जाएगा।
छह मई तक आपत्तियां मांगी गई
- निकाय चुनाव से पहले स्वायत्त शासन विभाग की गाइडलाइन पर नगर परिषद की सीमा बढ़ाई गई थी। इसमें नगर परिषद प्रशासन ने 65 में से 45 वार्डों की सीमा में बदलाव किया है। इनमें आसपास के वार्डों का अधिकांश इलाका शामिल कर एक जैसा वार्ड बनाने का प्रयास किया गया। वहीं, 20 वार्डों की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया। अब नगर परिषद सीमांकन के संबंध में आमजन से छह मई तक आपत्तियां मांगी है।
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