Sukma Ramaram Mela 2025: मंदिर से मेले तक की पवित्र यात्रा
हर साल की तरह इस वर्ष भी मेले की शुरुआत सुकमा माता मंदिर से हुई। यहां से जमींदार परिवार, पुजारी, सेवक और स्थानीय श्रद्धालु देवी की डोली को रामाराम मंदिर तक लेकर गए। वहां रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन मेला प्रारंभ हुआ। विशेष पूजा-अर्चना के साथ मेले की शुरुआत हुई और दूसरे दिन डोली पुन: सुकमा राजवाड़ा मंदिर पहुंची, जहां विशेष अनुष्ठान के बाद मेला विधिवत संपन्न हुआ।सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम
मेला अति संवेदनशील क्षेत्र में होने के कारण पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। पूरे क्षेत्र में पुलिस बल तैनात रहा, जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। श्रद्धालु सुरक्षित माहौल में पहाड़ों की मनोरम वादियों का आनंद लेते नजर आए।Naxalites Arrested in Sukma: सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, महिला सहित 5 नक्सली गिरफ्तार, कई संगीन वारदात में थे शामिल
स्थानीय आस्था का प्रमुख केंद्र
मां चिटमिट्टीन अम्मा देवी में स्थानीय लोगों की अटूट आस्था है। हर साल सैकड़ों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए इस पवित्र स्थान पर पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मन्नतें अवश्य पूरी होती हैं।दोपहर के बाद मेले की रौनक और बढ़ गई
झूले: बच्चों ने व्हील, कार, घोड़े वाले झूले और बाउंसी पर खूब आनंद लिया।खिलौन: बच्चों ने सीटी, गुब्बारा, चश्मा, खिलौना मोबाइल, गुड़िया और चाभी वाले खिलौने खरीदे।
खेल: निशानेबाजी, रिंग फेंकने और अन्य मनोरंजक खेलों में युवाओं ने रुचि दिखाई।
महिलाओं की खरीदारी: महिलाओं ने सजावटी और घर-गृहस्थी के सामान खरीदे।
खानपान: मेले में मिठाई, जलेबी, फास्ट फूड और अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों की अस्थायी दुकानें लगीं।