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टीकमगढ़

हरपुरा नहर बंद, गेहूं को अंतिम सिंचाई की जरूरत

हरपुरा नहर का पानी हुआ बंद

टीकमगढ़Mar 04, 2025 / 12:43 pm

akhilesh lodhi

हरपुरा नहर का पानी हुआ बंद

हरपुरा नहर का पानी हुआ बंद

सूखती फसल को देख किसानों की बढ़ी चिंता

टीकमगढ़. हरपुरा गांव से मोहनगढ़ तक ४५ किमी की नहर दो सप्ताह पहले बंद हो गई है। इससे फसल सूखने की स्थिति में आ गई है। अंतिम सिंचाई के लिए किसान नदी, नाले, तालाब के साथ निजी बोर और कुओं का पानी तलाश रहे है। इसके बाद भी सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते किसानों ने नहर खोलने की मांग जलसंसाधन विभाग से की है।

किसानों ने बताया कि इस साल गेहूं फसल की बोवाई एक महीने देरी से बोई थी। इस कारण से फसल ने देरी से आकार लिया और बालियों को निकालना शुरू किया। गेहूं की फसल में इन दिनों में फूल दिखाई दे रहे है। इसके बाद बाद बाली में दाना आएगा और फसल पकेंगी। लेकिन अब फसलों पर संकट आना शुरू हो गया है। खेतों में खड़ी फसल सूखने लगी है। जिसके कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है।
कई गांवों की फसलों को चाहिए सिंचाई के लिए पानी
किसानों ने बताया कि हरपुरा, चरपुवां, मिनौरा, गनेशगंज, मानिकपुरा, हनुमानसागर, बौरी, नयाखेरा, मऊघाट, बढोरा के साथ मोहनगढ़ तक के गांवों में नहर के भरोसे गेहूं की फसल को बोया था। गेहूं की फसलों की दो सिंचाई पूर्ण तरीके से हो चुकी है। गेहूं की फसलों में बाली निकल आई और उसको पकने के लिए एक सिंचाई की जरूरत है। लेकिन अब हरपुरा नहर बंद हो गई है। जिसके कारण किसानों की ंिचंता बढ़ गई है।
पतरीली जमीन के हालात खराब
किसानों ने बताया कि काली मिट्टी में बोई गई फसल कुछ दिनों तक अच्छी रहेगी। इसके बाद वह भी खराब हो जाएगी। किसानों का कहना था कि सबसे ज्यादा नुकसान पतरीली जमीन में बोई गई फसल में होगा। इसको एक सिंचाई की जरूरत है। अगर इस फसल की अंतिम सिंचाई नहीं हुई तो गेहूं का दाना कमजोर और चमक विहीन हो जाएगा।
इनका कहना
जामनी नदी का पानी खत्म हो गया है। जहां से हरपुरा नहर में पानी छोड़ा जाता है, वहां पर पर्याप्त मात्रा में स्टॉक नहीं है। अगर पानी का स्टॉक होता है तो नहर में पानी छोड़ा जाएगा।
दीपेंद्र सिंह ईई जल संसाधन विभाग टीकमगढ़।

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