बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बांध पर हर वर्ष मानसून पूर्व रख-रखाव का कार्य किया जाता है। जिससे मानसून के दौरान जलभराव के समय बांध के गेट खोलने व बंद करने के साथ ही अन्य परिस्थितियों के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो सके। इसी को लेकर इन दिनों बांध के सभी 18 रेडियल गेटों की रबर शील चैक कर खराब को बदलना, रेडियल गेटों पर लगे लोहे के रस्सों की ऑयल-ग्रीस करना आदि कार्य जारी है।
इसी के साथ बांध पर जनरेटर, विद्युत व्यवस्था, स्काडा सिस्टम के कंट्रोल रूम, सीसीटीवी कैमरे, बांध की मुख्य दीवार के बीच बनी गैलेरी, पानी के कुओं , बांध पर लगे मीटर गेज आदि का रखरखाव कार्य भी जारी है।
खोलकर बंद कर रहे रेडियल गेट
बीसलपुर बांध पर रखरखाव कार्य के दौरान बांध के सभी 18 रेडियल गेटों पर बारी बारी से स्टॉप लॉक गेट लगाकर मुख्य गेटों को खोलकर बंद कर चैक किया जा रहा है। जिससे जलभराव क्षेत्र से पानी की आवक बढ़ने पर डाउन स्ट्रीम में की जाने वाली निकासी के दौरान कोई परेशानी उत्पन्न नहीं हो सके। विद्युत आपूर्ति बंद के समय जनरेटर की व्यवस्था का भी निरीक्षण कर पूर्व की तैयारियां की जा रही है। अभियंताओं के अनुसार मानसून सत्र से पूर्व हर वर्ष यह तैयारी की जाती है।
कम्प्यूटराइज्ड हैं बीसलपुर बांध
बीसलपुर बांध स्काडा सिस्टम के तहत पूरी तरहां कम्प्यूटराइज्ड हैं। जो राज्य का सबसे पहले कम्प्यूटराइज्ड होने वाले बांध में सुमार रखता हैं। यहां सभी गेट कैमरे की निगाहों में हैं। इसी प्रकार जलभराव पूर्ण होने के बाद डाउन स्ट्रीम की बनास नदी में पानी की निकासी भी कम्प्यूटर के बटन दबाने से खुलते गेटों से होती है।