Naresh Meena SDM Slapping Case: राजस्थान के टोंक जिले में पिछले उपचुनाव के दौरान चर्चित एसडीएम थप्पड़ कांड और समरावता आगजनी मामले में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को आखिरकार आठ महीने बाद राहत मिल गई है। शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने नरेश मीणा की जमानत याचिका स्वीकार कर ली।
यह जमानत नगरफोर्ट थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 167/24 के तहत आगजनी और उपद्रव के मामले में दी गई है। इस फैसले से नरेश मीणा जल्द ही टोंक जेल से बाहर आ सकेंगे, जिसके बाद उन्होंने एक बड़ा ऐलान किया है, जिससे जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं।
नरेश मीणा की जमानत का सफर
दरअसल, नरेश मीणा ने समरावता हिंसा मामले में तीसरी बार जमानत याचिका दायर की थी। इससे पहले उनकी दो याचिकाएं खारिज हो चुकी थीं। उनके वकील फतेहराम मीणा ने हाईकोर्ट में मजबूत पैरवी करते हुए तर्क दिया कि नरेश के खिलाफ दर्ज मामले में पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
पुलिस ने इस मामले में पहले ही चालान पेश कर दिया था। जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को मंजूर कर लिया, जिससे नरेश मीणा को बड़ी राहत मिली। वहीं, थप्पड़ कांड के मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी, और अब आगजनी मामले में भी रास्ता साफ हो गया है।
नरेश मीणा का बड़ा ऐलान
जमानत मिलने के बाद नरेश मीणा ने सोशल मीडिया के जरिए एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सत्यमेव जयते! माननीय हाईकोर्ट ने मुझे 240 दिन जेल में रहने के बाद जमानत दी है। मेरे शुभचिंतकों, समरावता गांववासियों और जेल में बंद साथियों के समर्थन के लिए तहेदिल से धन्यवाद।
1/2 सत्यमेव जयते.! आज माननीय हाईकोर्ट ने मुझे 240 दिन जेल में रहने के बाद जमानत दी है.! इस दौरान जितने भी शुभचिंतकों ने मेरा, समरावता गाँव वासियों और जेल में बंद रहे अन्य साथियों का न्याय की लड़ाई में साथ दिया; उन सभी का तहेदिल से धन्यवाद.!
उन्होंने घोषणा की कि वह 14 जुलाई को शाम 3 बजे टोंक जेल से बाहर आएंगे और सीधे समरावता गांव जाकर उसकी पावन भूमि को नमन करेंगे। इंकलाब जिंदाबाद!… सूत्रों के मुताबिक इस ऐलान के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि उनके स्वागत में बड़ी संख्या में समर्थक जुट सकते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बन सकती है। टोंक जिला प्रशासन ने इसे देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात करने की तैयारी शुरू कर दी है।
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क्या है थप्पड़कांड और समरावता हिंसा?
यह मामला 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान शुरू हुआ। समरावता गांव में मतदान के दिन नरेश मीणा ने उपखंड अधिकारी (एसडीएम) अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था, जिससे पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। इसके बाद उनके समर्थकों ने पुलिस पर पथराव किया, वाहनों में आग लगा, और नरेश को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया। अगले दिन 14 नवंबर को भारी पुलिस बल ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इस मामले में 59 लोगों को नामजद किया, जिनमें से 52 को कोर्ट में पेश किया गया।
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