जिससे गांव में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों ने बरोनी पुलिस को सड़क दुर्घटना में बघेरे के शावक की मौत की सूचना दी। सूचना पर बरोनी थानाधिकारी बृजेन्द्र सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और मौके से साक्ष्य जुटाकर वन विभाग के क्षेत्रीय वन प्रसार अधिकारी धारीवाल बैरवा को सूचना दी। सूचना पर वन विभाग का गश्ती दल मौके पर पहुंचा। जहां से दल ने बारीकी से आवश्यक साक्ष्य जुटाए।
इस दौरान ग्रामीणों ने क्षेत्रीय वन प्रसार अधिकारी को बताया कि बहड़ की पहाडियों से रात करीब साढे दस बजे एक मादा पेंथर दो शावकों के साथ शिकार व पानी पीने के लिए निकली थी। इसी दौरान अज्ञात वाहन की टक्कर से एक मादा शावक की मौत हो गई।
क्षेत्रीय वन प्रसार अधिकारी ने बताया कि सोमवार की रात को सड़क पार करते समय एक वाहन की टक्कर से छह माह के पेंथर के शावक के मुंह पर चोटें आने से मौत हो गई। बरोनी पुलिस ने मृत शावक को संजय वन निवाई लेकर आए।
जहां उसे सुरक्षित रखवा दिया। इसके बाद मंगलवार की सुबह पुलिस व प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में पशु चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम की करवाई गई। इसके बाद सहायक वन संरक्षक अनुराग महर्षि, नायब तहसीलदार और बरोनी थानाधिकारी की मौजूदगी में पैंथर के शावक को जलाया गया।
रेंजर धारीलाल ने बताया कि पैंथर उपखंड क्षेत्र गांव बहड, नोहटा, बस्सी, बारेडा आदि वन क्षेत्र में स्थित पहाड़ियों में बनी गुफा में विचरण करते रहते है। ज्ञात रहे कि करीब छह वर्षों से क्षेत्र के दर्जन भर गांवों में बघेरों ने सैंकड़ों पशुओं, जंगली जानवरों, श्वानों सूने पशुओं, नील गायों का शिकार कर रहे है।