‘सभी के अंदर एक ही आत्मा…फिर स्त्री और पुरुष में अंतर कहां
शिक्षा पर चर्चा करते हुए गुलाब कोठारी ने कहा हम 100 प्रतिशत तक पहुंच चुके है। लेकिन, अब कहां जाना चाहते है। क्या संवेदना और मिठास का एरिया ओझल हो गया। पढाई ने शरीर का ध्यान रखना सिखा दिया। लेकिन, मन की चर्चा नहीं है। जहां मन नहीं है, वहां मां नहीं है। अग्नि और सोम एक ही है, जो परिस्थितियों के कारण दो रूप में दिखाई देते है। स्त्री और पुरुष एक ही है। सभी के अंदर आत्मा एक ही है। फिर अंतर कहां हुआ। शरीर प्रकृति तय कर रही है। कर्म के फल से आदमी का नया शरीर बन जाता है।बच्चे पर कोई ध्यान नहीं देता
गुलाब कोठारी ने कहा कि घरों में बच्चों का लालन-पालन कैसे हो रहा है। मां के साथ बच्ची जुड़कर कैसे काम करती है। छोटी उम्र की बच्ची में भी मातृत्व का भाव दिखाई देगा। लेकिन, बच्चे पर कोई ध्यान नहीं देता है। लड़की जैसे-जैसे बड़ी हो रही है, उसके सपने भी बड़े हो रहे है। वो हर जिम्मेदारी को सिखते हुए बड़ी हो रही है। लेकिन, लड़कों में ऐसा नहीं देखा है। छोटी उम्र के बच्चे गांवों में खेलते हुए मिलेंगे। लड़के सपने देखते ही नहीं है। वे तो ये सोचते है कि शादी होगी और वीवी आ जाएगी। ये जिंदगी की कड़वी सच्चाई है। ये परिस्थितियां शादी के बाद रिश्तों को तकलीफ दे रही है। लड़के नौकरी की तैयारी करते हैं। लेकिन, उनका स्त्री वाला भाग शून्य है। उसे पता ही नहीं कि ममता और दया क्या है? लड़कों पर कोई मर्यादा नहीं होती है। कार्यक्रम में विभिन्न कॉलेजों की छात्राएं शामिल हैं।दूसरा कार्यक्रम नगर निगम टाउन हॉल स्थित सुखाड़िया रंगमंच पर दोपहर तीन बजे से होगा। जिसमें उदयपुर जिले सहित राजसमंद, सलूम्बर जिलों की गृहिणियां, अधिकारी-कर्मचारी और महिलाएं शामिल होंगी।