थानाधिकारी पूरण सिंह राजपुरोहित ने बताया कि 22 अप्रैल को रकमपुरा बेड़वास निवासी बदामीबाई सुथार ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी 10 बीघा जमीन रकमपुरा बेड़वास में स्थित है। किसी महिला ने फर्जी बदामीबाई बनकर उसे अर्जुन सिंह के पक्ष में बेचकर रजिस्ट्री करवा दी।
इसमें गवाह के तौर पर गजेंद्र और हमेर सिंह ने हस्ताक्षर किए हैं। इन तीनों एवं अन्य ने मिलकर धोखाधड़ी पूर्वक उसकी जमीन के कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बेचकर रजिस्ट्री करवा दी। मामले में मजावड़ा निवासी कल्याण सिंह, मगवास झाड़ोल निवासी गजेंद्र, बिछावेड़ा डबोक निवासी महेंद्र सिंह और कुराबड़ हाल सेक्टर-9 निवासी हमेर सिंह को गिरफ्तार किया।
ये हो चुके गिरफ्तार
मामले में मूल खातेदार बदामीबाई की जगह डमी खातेदार बनने वाली कुराबड़ निवासी सूरजबाई, डमी खातेदार लाने वाले कानपुर निवासी शंकरलाल, फर्जी रजिस्ट्री में गवाह हमेर सिंह को लाने वाला कुराबड़ निवासी कमलेश दास, मूल खातेदार बादामी बाई का रिश्तेदार बनने वाले खेरोदा निवासी रमेशगिरी, षड्यंत्र में साथ देने वाले मेड़ता निवासी देवेंद्र सिंह उर्फ विक्रम सिंह, मूल खातेदार बादामी बाई के पहचान के दस्तावेज उपलब्ध करवाने वाले ढिकली बोरा मगरा निवासी जगदीश और रकमपुरा निवासी दुर्गाशंकर उर्फ दुर्गेश को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है।
मुख्य आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई का प्रयास
षड्यंत्रकर्ता बेदला निवासी फतहलाल, ढिकली निवासी अर्जुन सिंह अब भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं। इनकी तलाश की जा रही है। दोनों के लंबे समय से फरार चलने के कारण दोनों के खिलाफ न्यायालय के मार्फत इनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई का प्रयास किया जा रहा है।