इसको लेकर जांच अधिकारी से भी चर्चा की। अब सोमवार को पीड़िता को बुलाया है। पीड़िता के पहुंचने पर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी जांच को लेकर नतीजे पर पहुंचेंगे। राज्य बाल आयोग सदस्य ध्रुव कुमार कविया रविवार सुबह बालिका गृह पहुंचे।
यह है मामला
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि डॉ. अरविंद ने धमकाकर उसके साथ बलात्कार किया। दो जून को किशोरी के बालिग होने पर वह पति के साथ बालिका गृह से निकली। वह एक महीने से पति के साथ महाराष्ट्र में रह रही है। इसी महीने पता चला कि वह गर्भवती हो गई है।
ऐसे में उसने डॉक्टर पर बलात्कार का आरोप लगाया। पीड़िता ने महाराष्ट्र के थाने में जीरो नम्बर एफआईआर दर्ज कराई, जिसके आधार पर उदयपुर के सुखेर थाने में केस दर्ज हुआ। एसपी योगेश गोयल के आदेश पर मामले की जांच एएसपी रामेश्वरलाल कर रहे हैं।
इनका कहना है
घटना में वास्तविकता कम लग रही है। इसको लेकर पीड़िता को बुलाया है। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि जब किशोरी को बालिका गृह से छोड़ा, तब उसकी मेडिकल जांच कराई गई थी। रिपोर्ट में जिस पर आरोप लगाया है, उस नाम का डॉक्टर यहां नहीं आया। अब पीड़िता के आने पर ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
-ध्रुव कुमार कविया, राज्य बाल आयोग सदस्य
रिपोर्ट के बिंदु, जिनको लेकर संदेह
-बलात्कार के आरोपी डॉ. अरविंद नाम का कोई चिकित्सक बीते 5 माह में नारी निकेतन/बालिका गृह में नहीं आया।
-रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट नहीं है कि पीड़िता के साथ बलात्कार नारी निकेतन में किस जगह और किस स्थिति में हुआ।
-पीड़िता ने रिपोर्ट में लिखा कि उसका गर्भपात करवाया गया, वहीं गर्भवती होने की बात भी लिखी है।