उज्जैन में सिंहस्थ से पूर्व आधा दर्जन से अधिक प्रमुख मार्गों को चौड़ा करने की तैयारी है। कुछ मार्गों को लेकर टेंडर भी जारी किए जा चुके हैं। शहर के प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण को लेकर प्रभावित रहवासियों का विरोध सामने आने के साथ ही अब कांग्रेस ने भी मुआवजा देने की मांग की है। शहर कांग्रेस ने शासन से प्रभावितों को उचित मुआवजा देने का मुद्दा उठाया है।
मार्ग चौड़ीकरण के प्रभावितों को मिले मुआवजा:
शहर कांग्रेस के अध्यक्ष मुकेश भाटी ने कहा है कि सिंहस्थ 2028 को देखते हुए लगभग 35 मार्गों को चौड़ा करने के प्रस्ताव में से लगभग 10 मार्गों को चौड़ा करने का स्वीकृति प्रदान की गई। इन मार्गों पर व्यापार, व्यवसाय करने वाले दुकानदार को बेरोजगार किया जा रहा है। साथ ही ऐसे भवन भूखंड के स्वामी, जोकि शहर विकास में अपना योगदान देंगे उन्हें रिपेयरिंग मकान मरम्मत का भी पैसा नहीं दिया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: एमपी के कर्मचारी, अधिकारी नहीं जा सकेंगे महाकुंभ, सरकार का बड़ा फैसला शहर अध्यक्ष का कहना है कि पूर्व में रोड चौड़ीकरण के जितने भी कार्य हुए हैं, उनमें सभी प्रभावितों को मुआवजा दिया गया है। एक शहर में दो कानून नहीं चलेंगे, हम जनता के साथ खड़े रहने को तैयार हैं।
10 हजार करोड़ का बजट तो नागरिकों को राहत क्यों नहीं- कांग्रेस शहर अध्यक्ष भाटी ने कहा है कि जब 10 हजार करोड़ रुपए का बजट आने वाला है तब 50-75 करोड रुपए शहर के नागरिकों को उनकी भूमि और भवन में हुए नुकसान के लिए सरकार दे देगी तो क्या कंगाल हो जाएगी! शहर कांग्रेस और उसके सभी पदाधिकारी शहर के प्रभावित व्यक्तियों के साथ हर स्तर की लड़ाई लडऩे को तैयार है।
बैठक में भी उठ चुका मामला
शहर में सड़क चौड़ीकरण के लिए जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी जिसमें सड़कें चौड़ी करने के लिए मकान दुकान टूटने पर प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग भी उठी थी। पार्षद रजत मेहता ने कहा था कि जिस प्रकार रुद्रसागर के नजदीक भवन हटाने पर 66 करोड़ का मुआवजा दिया गया, उसी प्रकार मार्ग चौड़ीकरण के प्रभावितों को भी मुआवजा दिया जाए।
मिलेगी करोड़ों की राशि
इस मांग पर कलेक्टर नीरजकुमार सिंह ने बताया था कि मास्टर प्लान अंतर्गत कार्रवाई में मुआवजा का प्रावधान नहीं है। हालांकि उन्होंने प्रभावितों को एफएआर देने की बात कही थी। प्रभावित भवन स्वामियों को तत्काल एफएआर दिया जाएगा। यह राशि भी करोड़ों में होगी।