देश दुनिया में हुक्का बार को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता। हुक्के से कश लगाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं लेकिन उज्जैन के अस्पताल में हुक्का पिलाकर ही कई गंभीर रोगों का इलाज किया जा रहा है। यहां के सरकारी धनवंतरि आयुर्वेदिक अस्पताल में हुक्के के धुएं से मरीजों को ठीक किया जा रहा है। यहां के हुक्के में तंबाकू या अन्य कोई हानिकारक नशीला तत्व नहीं होता, बल्कि यह जड़ी-बूटियों से बनवाया जाता है।
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चिमनगंज मंडी स्थित इस आयुर्वेदिक अस्पताल में हर्बल हुक्का पिलाकर दमा जैसी गंभीर बीमारी का उपचार किया जा रहा है। इससे सायनस को भी ठीक किया जाता है। और तो और, फेफड़ों के संक्रमण का भी हर्बल हुक्का से सफल इलाज किया जा रहा है। मरीजों के इलाज के लिए विशेष रूप से जड़ी-बूटियों से आयुर्वेदिक हुक्का बनवाकर इसके कश लगवाए जाते हैं।
आयुर्वेदिक कॉलेज के एमडी डॉ. निरंजन सराफ बताते हैं कि शुरुआत से ही धूम्र चिकित्सा या धूम्रपान चिकित्सा, आयुर्वेद का अंग रही है। हर्बल हुक्के का कश लेने से फेफड़ों की नलियों खुल जाती हैं। इससे ऑक्सीजन लेवल भी बेहतर होता है। इतना ही नहीं, हर्बल हुक्के का धुआं संक्रामक सूक्ष्मजीवों को समाप्त कर देता है। कोरोना से प्रभावित मरीजों को सांस फूलने और फेफड़ों में संक्रमण की शिकायतें बनी रहती हैं। इनके इलाज में हुक्का पद्धति बेहद उपयोगी साबित हो रही है। दमा सहित कई रोगों में यह इलाज लाभकारी है।