मंदिर के पुजारी ने बताया कि यह घटना रामनवमी के दिन की है। वह मंदिर में पूजन की तैयारियों में व्यस्त थे। इसी दौरान पास में रहने वाले एक लड़के ने आकर बताया कि बंदर मंदिर अंदर बैठकर मां बिजासन माता को प्रणाम कर रहा है। इसके बाद पुजारी जब मंदिर के अंदर पहुंचे तो देखा कि बंदर बेसुध प्रतिमा के सामने पड़ा था। पुजारी के द्वारा पानी पिलाकर और हिलाकर देखने की कोशिश की गई, लेकिन उसमें कोई हलचल नहीं थी। तभी बंदर को मंदिर परिसर से बाहर किया गया।
जानकारी के मुताबिक, बंदर मंदिर में घुसने से पहले कुछ समय तक मंदिर के शिखर पर बैठा था। इसके बाद मंदिर में जा घुसा और प्रतिमा के सामने दंडवत प्रणाम कर लिया। इसके तुरंत बाद ही प्राण त्याग दिए। इधर, मौके पर मौजूद श्रद्धालुओं का कहना है कि बंदर को कभी मंदिर परिसर के अंदर नहीं देखा गया। उनका मानना है कि वह मां बिजासन का सच्चा भक्त था।
घटना की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में पहुंच गए। मंदिर समिति से जुड़े हुए लोगों ने विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया।