ग्वालियर मेला(Gwalior Trade Fair), जो अब तक प्रदेश में वाहन बिक्री के लिए सबसे चर्चित था, उसका रिकॉर्ड उज्जैन(Ujjain Trade Fair) ने इस बार ध्वस्त कर दिया। ग्वालियर में जहां 41 दिन में 28,626 वाहन बिके, वहीं उज्जैन में सिर्फ 46 दिन में 36,225 वाहन बिक गए यानी पूरे 7,772 वाहन अधिक। इससे सरकार को 185 करोड़ रुपये का राजस्व मिला, जो पिछले साल की तुलना में 63 करोड़ रुपए ज्यादा है।
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पिछले साल जहां सिर्फ 59 इलेक्ट्रिक कारें बिकी थीं, वहीं इस बार यह आंकड़ा 1700 के पार पहुंच गया यानी करीब 25 गुना इज़ाफा। इस बदलाव ने संकेत दिया है कि उज्जैन का ग्राहक अब भविष्य की ओर बढ़ चला है। साथ ही पर्यावरण में भी सुधार आगा।
बढ़ी तारीखें, बढ़ा विश्वास
यह मेला शुरुआत में 34 दिन के लिए था, पर जब वाहन बिक्री के आंकड़े उमीदों से ज्यादा निकले, तो मुयमंत्री मोहन यादव ने मेले की अवधि 9 अप्रैल तक बढ़ा दी। और इस एक्सटेंशन के 10 दिनों में ही 10,000 से ज्यादा वाहन बिक गए।
50 फीसदी छूट बनी गेम चेंजर
ऑटोमोबाइल्स एक्सपर्ट बताते हैं कि इस बार बाइक, कार और ओमनी बस की रजिस्ट्रेशन फीस पर 50% छूट दी गई, जिसका असर सीधे ग्राहकों की जेब पर पड़ा और उन्होंने इस अवसर को हाथ से नहीं जाने दिया। व्यवसाय ने छुआ नया आकाश जनता की जबरदस्त रुचि को देखते हुए यह तय किया गया है कि अब यह मेला हर साल उज्जैन में आयोजित होगा। उज्जैन ने न सिर्फ वाहनों का मेला लगाया, बल्कि पूरे प्रदेश को यह दिखा दिया कि यहां सिर्फ आस्था ही नहीं, व्यवसाय भी नई ऊंचाइयों को छूता है।– संतोष मालवीय, आरटीओ
आंकड़े बताते सफलता की कहानी
- 2024: 23,705 वाहन बिके, 122 करोड़ राजस्व
- 2025: 36,225 वाहन बिके, 185 करोड़ राजस्व
बिक्री का ब्रेकअप
- दोपहिया वाहन: 7,772 (जिसमें 5,000 ई-स्कूटर)
- चारपहिया और अन्य: 28,453