इस बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने की जिसमें संभागायुक्त संजय गुप्ता, कलेक्टर, एडीजी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था।
ये भी पढ़े- अचानक बदला मौसम, एमपी के किसान परेशान, गेहूं, चना और सरसों की फसल पर संकट
भीड़ को नियंत्रित करने पर अधिक जोर
सिंहस्थ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। इस दौरान उज्जैन में सैटेलाइट रेलवे स्टेशनों का विकास किया जाएगा, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। क्षिप्रा नदी पर नए पुलों के साथ एनएचएआई (NHAI) द्वारा नए मार्गों का प्रस्ताव रखा गया है। भीड़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन को लेकर प्रशासन ने सख्त रणनीति अपनाई है। शाही स्नान के दौरान अधिकतम 15 मिनट दिए जाने का फैसला लिया गया है। ये भी पढ़े- अब 5वीं बार ट्रैफिक नियम तोड़ते ही निरस्त होगा ‘ड्राइविंग लाइसेंस’ साफ-सफाई पर भी ध्यान
प्रत्येक दिन सिंहस्थ के दौरान 740 टन कचरा उत्पन्न होने का अनुमान है। इसे नियंत्रित करने के लिए 50,000 बायो-टॉयलेट बनाए जाएंगे। इसके साथ ही सार्वजनिक शौचालयों की मैपिंग और प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि स्वच्छता सुनिश्चित की जा सके।
ये भी पढ़े- एमपी में साहूकार को दफ्तर से बाहर खींचकर गोली मारी, दिन दहाड़े हत्या, हत्यारों पर 10-10 हजार का इनाम साधु-संतों से बात कर योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा- सीएम
सीएम मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि सिंहस्थ की सभी योजनाओं को साधु-संतों से चर्चा कर अंतिम रूप दिया जाए। डिजिटल सूचना प्रसारण, ट्रैफिक मैनेजमेंट और वीएमडी डिस्प्ले सिस्टम से श्रद्धालुओं को हर जरूरी जानकारी तुरंत मिल सकेगी। इसके अलावा, फायर फाइटिंग सिस्टम, मॉक ड्रिल और हेल्पलाइन सेवाओं को भी मजबूत किया जाएगा। मेला क्षेत्र में दो नए पुलिस थाने और अस्थाई चौकियां स्थापित की जाएंगी, साथ ही 42,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
ये भी पढ़े- नेशनल हाईवे के किनारे संचालित हो रही थी शराब दुकान, NHAI ने थमाया नोटिस कब है उज्जैन सिंहस्थ कुंभ मेला ?
उज्जैन के शिप्रा नदी के घाट पर होने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला 27 मार्च 2028 से 27 मई 2028 तक होगा। सिंहस्थ 2028 में 9 अप्रैल से 8 मई की तारीखों के बीच 3 शाही स्नान और 7 पर्व स्नान प्रस्तावित हैं। इस कुंभ मेले में 14 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है। दो महीने लंबे इस पर्व का आयोजन करने में लगभग 18 हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है। पिछली बार साल 2016 में सिंहस्थ का आयोजन हुआ था जिसमें, पांच से सात करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई थी। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के बाद अगला कुंभ मेला उज्जैन में होने वाला सिंहस्थ 2028 ही है।