रविवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वीएस चंदेल भी बीमारी पीडि़त गांव पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। डॉ. चंदेल तथा विभागीय अमले द्वारा ग्रामीणों की जांच, उपचार के साथ उन्हें दूषित जल व खाद्य सामग्री का उपयोग नहीं करने तथा तबियत बिगडऩे पर मरीज को तुरंत जिला अस्पताल लाने की समझाइश दी जा रही है। गौरतलब है कि जिले पहाड़ी क्षेत्रों के कुछ गांवों मे डायरिया फैलने के मामले लगातार आते रहते हैं, इसका मुख्य कारण प्रदूषित जल का इस्तेमाल बताया जा रहा है। जिनका जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है उनमें रामकली, चन्द्रकली, सुलोचना, श्यामाबाई, मीनाबाई शामिल हैं।
आशा कार्यकर्ता ने दी थी जानकारी
ग्राम मरदरी विकासखंड करकेली में उल्टी दस्त की जानकारी आशा कार्यकर्ता ने 5 जुलाई को संध्याकालीन उच्च अधिकारियों को दी। 6 जुलाई को आशा कार्यकर्ता रामकली सिंह द्वारा कुमारी कलावती पिता बुद्धू सिंह 8 वर्ष एवं सुलोचना पिता छोटू सिंह 14 वर्ष को जिला चिकित्सालय रेफर कराया गया। सीएमएचओ ने रैपिड रिस्पांस टीम की ड्यूटी 5 जुलाई को लगाकर मरदरी में डोर टू डोर सर्वे करने के निर्देश दिए दिया गए हैं। मरीज को प्राथमिक उपचार प्रदाय करने के संबंध में पत्र जारी कर डॉ. योगेश कर्वे, राम रामचंद्र यादव एमपीएस, कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, सुपरवाइजर, एएनएम की ड्यूटी लगाई है। एनपीएस रामचंद्र यादव ने बताया कि ब्लीचिंग पाउडर के माध्यम से कुआं एवं हैंडपंपों में निर्जलीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है एवं ग्राम में निरंतर निगरानी व उपचार किया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार 108 वाहन से उपचार के लिए मरीजों को जिला चिकित्सालय रेफर किया जा रहा है।