उन्होंने जिला होमगार्ड कमांडेंट को निर्देशित किया कि बाढ़ आपदा से निपटने के दौरान उपयोग आने वाली सामग्री, ड्रोन, वोट को तैयार रखा जाए। रेपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया जाए ताकि घटना दुर्घटना की जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल राहत कार्य प्रारंभ हो सके। उन्होंने बाढ़ पूर्व, बाढ़ के दौरान तथा बाढ़ आने के बाद तीनों स्तर पर तैयारियां करने के निर्देश दिए है। खतरे वाले स्थानों पर साइन बोर्ड भी लगाने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि जल भराव वाले क्षेत्रों के आस पास के थानों में मोटर वोट, लाईफ जैकेट, टार्च आदि की अग्रिम व्यवस्था की जाए ताकि जरूरत पढऩे पर तत्काल उपयोग किया जा सके। साथ ही उन्होंने कहा कि गोताखोरों तथा तैराकों को चिन्हित किया जाए। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में स्थित जीर्ण शीर्ण पुलियों की मरम्मत तथा जर्जर भवनों को चिन्हांकित करते हुए ध्वस्त किया जाए।
उन्होंने समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, नायब तहसीलदारों को निर्देशित किया कि वर्षा काल के दौरान लोगों को पेड़ों के नीचे शरण नहीं लेने के लिए जागरूक किया जाए एवं बाढ़ की स्थिति पर प्रत्येक ग्रामों में ग्राम कोटवार के माध्यम से सावधानी बरतने मुनादी कराने को भी कहा। स्वच्छता के संबंध में परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण उमरिया, समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारियों से कहा है कि बरसात के समय जिन वार्डो में पानी भरने की समस्या होती है उन वार्डो में पानी निकासी के लिए नाली बनवाई जाए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह, एसडीएम बांधवगढ़ कमलेश नीरज, एसडीएम मानपुर टीआर नाग, एसडीएम पाली अंबिकेश प्रताप सिंह, संयुक्त कलेक्टर रीता डेहरिया, डिप्टी कलेक्टर मीनांक्षी इंगले, एसडीओपी पुलिस नागेंद्र सिंह, हरनीत कौर कलसी सीईओ जनपद पंचायत करकेली सहित जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे।