हमें पता है कि यह अभियान कौन चला रहा है : नकवी
मोहसिन नक़वी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हमें पता है कि यह अभियान कौन चला रहा है और किस मंशा से चलाया जा रहा है। इसमें राष्ट्रपति ज़रदारी, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर तीनों को टारगेट किया जा रहा है।”
पाक सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है
हालांकि नक़वी ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान से साफ है कि सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है। पाकिस्तान की राजनीति में सेना का सीधा या परोक्ष हस्तक्षेप कोई नई बात नहीं है, इसलिए अफवाहों ने लोगों का ध्यान खींचा।
मुनीर राष्ट्रपति बनने की चर्चा से लोगों में हलचल मची
गौरतलब है कि इससे पहले कई बार ये आरोप लग चुके हैं कि पाकिस्तान की असली सत्ता सेना के पास होती है। इसीलिए जैसे ही ये चर्चा सामने आई कि जनरल आसिम मुनीर खुद राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं, लोगों में हलचल मच गई। फिलहाल सरकार ने इन खबरों को पूरी तरह से झूठा बताया है।
हॉट इश्यू पर चर्चा और सुलगते सवाल
पाकिस्तान में विपक्षी दलों और आम नागरिकों ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पाकिस्तानी पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स ने इसे “सेना की सियासत में बढ़ती दखलअंदाजी” करार दिया है। कुछ लोगों ने कहा – “अगर सेना प्रमुख राष्ट्रपति बनते हैं, तो लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला होगा।” क्या सेना और सत्तारूढ़ दल के बीच कोई अंदरूनी समझौता चल रहा है? अगर आसिम मुनीर राष्ट्रपति बनते हैं, तो क्या यह 2024 में इमरान खान को सत्ता से बाहर करने की पटकथा का हिस्सा है?
आने वाले हफ्तों में क्या सुप्रीम कोर्ट या पाकिस्तान चुनाव आयोग इस पर कोई संज्ञान लेगा?
पाकिस्तान में इतिहास का संदर्भ
पाकिस्तान में पहले भी सेना प्रमुख राष्ट्रपति बन चुके हैं – जैसे जनरल परवेज़ मुशर्रफ। क्या यह उसी राह पर एक और कदम है?
इस चर्चा का कानूनी पहलू
क्या पाकिस्तानी संविधान सेना प्रमुख को राष्ट्रपति बनने की अनुमति देता है या इसके लिए विशेष प्रक्रिया ज़रूरी है? चर्चा का राजनीतिक असर
ज़रदारी हटते हैं तो पीपीपी और पीएमएल-एन के गठबंधन पर असर पड़ेगा क्या ?