कमल खेड़ा : एक नजर
खेड़ा का 4 फरवरी 1989 को नई दिल्ली में जन्म हुआ था। उनके पिता हरमिंदरसिंह का सन 2020 में निधन हो गया, वे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में कार्यरत थे, जबकि उनकी माँ गुरशरण कौर एक शिक्षिका थीं। उनके बड़े भाई मणिसिंह बैंक ऑफ़ मॉन्ट्रियल में कार्यरत हैं। जब वह 10 साल की थीं, तब उनका परिवार कनाडा चला गया। वहां उन्होंने स्वास्थ्य सेवा में अपना करियर बनाया। टोरंटो में सेंट जोसेफ़ हेल्थ सेंटर में पैलिएटिव और ऑन्कोलॉजी इकाइयों में पंजीकृत नर्स के रूप में काम करने से पहले उन्होंने यॉर्क यूनिवर्सिटी से नर्सिंग में ऑनर्स बैचलर ऑफ़ साइंस पूरा किया। स्वास्थ्य सेवा में उनकी पृष्ठभूमि ने उनके राजनीतिक सफ़र को आकार दिया, जिसमें सामाजिक कल्याण और सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
एक नर्स के रूप में रोगियों का ध्यान रखना प्राथमिकता
कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान, खेरा अपनी चिकित्सा जड़ों की ओर लौटीं। उन्होंने ब्रैम्पटन में एक बुरी तरह प्रभावित दीर्घकालिक देखभाल सुविधा केंद्र में सेवा की और बाद में समुदाय में टीके भी लगाए। उन्होंने कहा, “एक नर्स के रूप में, मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता हमेशा अपने रोगियों का ध्यान रखने के लिए मौजूद रहना है, और यही मानसिकता मैं स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका में हर दिन रखूंगी।” मैं “पीएम @MarkJCarney के विश्वास के लिए बेहद आभारी हूं। अब, अपनी आस्तीन ऊपर चढ़ाने और काम पर लगने का समय आ गया है।”
भाई की शादी के लिए लुधियाना पहुंची थीं
खेड़ा अपनी जड़ों से बहुत करीब से जुड़ी हुई हैं। वे 26 साल की उम्र में ब्रैम्पटन वेस्ट के लिए सांसद चुने जाने के तुरंत बाद सन 2015 में अपने भाई की शादी के लिए लुधियाना गई थीं। अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने भारत और कनाडा की राजनीति के बीच के अंतरों के बारे में खुल कर बात की, भारतीय राजनेताओं के इर्द-गिर्द कड़ी सुरक्षा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हम आम नागरिकों की तरह घूमते हैं।” खेड़ा ने राजनीति में अपनी यात्रा को याद करते हुए बताया कि सेंट जोसेफ हेल्थ सेंटर में ऑन्कोलॉजी विभाग में नर्स के रूप में काम करते समय, उन्हें अमीर और गरीब के बीच बढ़ते अंतर के बारे में पता चला।
कनाडा में भारतीयों की तादाद
वर्ष 2021 की जनगणना के अनुसार कनाडा की कुल जनसंख्या लगभग 4 करोड़ थी, जिनमें से भारतीय मूल के लगभग 15 लाख लोग थे, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 5% हैं। इसी अवधि में, कनाडा में हिंदू धर्म के अनुयायियों की संख्या 8 लाख से अधिक थी, जो देश की जनसंख्या का लगभग 2.3% है। यह संख्या 2001 में लगभग 3 लाख थी, जिससे पिछले दो दशकों में हिंदू आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि स्पष्ट हुई है। वर्ष 2022 में, लगभग 1,18,000 भारतीय नागरिकों ने कनाडा में स्थायी निवास किया, जिनमें से 48% महिलाएं थीं।
कनाडा में पंजाबियों की तादाद
कनाडा में पंजाबी समुदाय की संख्या महत्वपूर्ण है। वर्ष 2021 की जनगणना के अनुसार, कनाडा की कुल जनसंख्या में लगभग 9,42,170 पंजाबी हैं, जो देश की कुल जनसंख्या का लगभग 2.6% हैं। पंजाबी समुदाय मुख्यतः कनाडा के ओंटारियो, ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा प्रांतों में केंद्रित है। इन क्षेत्रों में उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय है। पिछले दशकों में, कनाडा में सिख धर्म के अनुयायियों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। जानकारी के अनुसार 2021 तक, कनाडा में सिखों की आबादी लगभग 7,71,790 थी, जो कनाडा की कुल जनसंख्या का 2.1% है।