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चीन और अमेरिका के बीच शुरू हो सकता है साइबर वॉर, ड्रैगन को सुपरपॉवर की धमकी

China USA Cyber War: अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने संसद को चीन की इस सेंधमारी की जानकारी दी है। विभाग का कहना है कि चीन ने विभाग के सारे कंप्यूटर्स को हैक कर सारा दस्तावेज चुरा लिया है।

नई दिल्लीJan 01, 2025 / 03:34 pm

Jyoti Sharma

China USA Cyber War after attack on US Treasury Department

China USA Cyber War after attack on US Treasury Department

China USA Cyber War: चीन और अमेरिका के बीच अब साइबर वॉर शुरू होने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। इसका कारण ये है कि चीन ने अमेरिका के ऊपर खतरनाक साइबर हमले में उसकी सुरक्षा में बड़ी सेंधमारी करते हुए वित्त मंत्रालय के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज उड़ा लिए हैं। चुराए गए दस्तावेज अवर्गीकृत बताए गए हैं। इस पर अमेरिका (USA) ने चीन को कड़ा जवाब भी दिया है। अमेरिका के ट्रेजरी विभाग (USA Treasury Department) ने संसद में कहा कि चीन के हैकर्स ने तीसरे पक्ष के साइबर सुरक्षा सेवा प्रदाता बियॉन्डट्रस्ट के साथ समझौता किया और अवर्गीकृत दस्तावेजों तक पहुंचने में सफल रहे। ऐसे में अमेरिकी हाउस कमेटी ऑन वेज एंड मीन्स के अध्यक्ष जेसन स्मिथ ने चीन से इस बारे में जवाब मांगा है और धमकी देते हुए कहा कि इस हरकत को जरा भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

चीन को बताएं कि इस हरकत का नतीजा क्या होगा

स्मिथ ने कहा कि अमेरिका के दुश्मन हमारे संकल्प की परीक्षा लेते रहेंगे जब तक हम खुद ये नहीं बता देते कि उनकी इस हरकत का नतीजा क्या होता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की निगरानी में ये एक और साइबर हमला है और इसके कारण भी चिंताजनक हैं। ट्रेजरी कर्मचारियों के अपने वर्कस्टेशन अनसेफ हो गए थे और जो हैकर्स हैं वो भी कथित तौर पर चीनी सरकार से जुड़े हैं। ये हमला अमेरिका के दूरसंचार बुनियादी ढांचे पर हुए अटैक के ठीक बाद हुआ।

चीन से पीछे नहीं रहेगा अमेरिका

ये अब इस बात का संकेत है कि अमेरिका इसका जवाब देगा और चीन से पीछे नहीं होने देगा। स्मिथ ने कहा कि वे ट्रेजरी विभाग, जिसमें महानिरीक्षक का कार्यालय भी शामिल है, से अपील करते है कि वे इस मामले की जांच करें और कांग्रेस (अमेरिका की संसद) को बताएं कि वे कैसे सुनिश्चित करेंगे कि संवेदनशील जानकारी फिर से असुरक्षित न रहे। उन्हें ये भी बताना होगा कि आने वाले ट्रम्प प्रशासन को ऐसे हमलों से बचाने में कैसे मदद करने की योजना बना रहे हैं।” 
स्मिथ के इस बयान से अब कई रिपोर्ट्स ये दावा कर रही हैं कि चीन को इस हरकत का जवाब जल्द ही अमेरिका ‘हैकिंग’ से ही देगा। ऐसे में चीन और अमेरिका के बीच एक साइबर वॉर शुरू हो सकता है।

अमेरिका के जरूरी दस्तावेज अब चीन के हाथ

दरअसल अमरीका के ट्रेजरी विभाग ने कांग्रेस को बताया है कि इस महीने की शुरुआत में हुए एक ‘साइबर अटैक’ में चीन सरकार के प्रायोजित हैकर्स ने अमरीकी ट्रेजरी विभाग के कंप्यूटर्स का एक्सेस हासिल कर लिया और कुछ जरूरी दस्तावेजों को चुरा लिए। सांसदों को लिखे गए लेटर में कहा गया है कि चाइनीज हैकर्स ने थर्ड पार्टी के साइबर सिक्योरिटी सर्विस प्रोवाइडर बियॉन्डट्रस्ट की प्रणाली से छेड़छाड़ किया और अवर्गीकृत दस्तावेजों तक पहुंचने में सफलता हासिल की।

चीनी जमीन से किया गया हमला

थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता, बियॉन्डट्रस्ट की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इस साइबर हमले का पता चला है। थर्ड-पार्टी वेंडर बियॉन्डट्रस्ट ने कहा है, कि हैकर्स ने बैंक की तरफ से इस्तेमाल की जाने वाली क्लाउड-आधारित तकनीकी सहायता सेवा की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुंजी प्राप्त की थी।
इस कुंजी चोरी में, हैकर्स ने सुरक्षा प्रणालियों को दरकिनार कर दिया, उपयोगकर्ता वर्कस्टेशन को दूर से एक्सेस किया और कुछ अवर्गीकृत दस्तावेजो को हासिल कर लिया। हार्डिकर के पत्र में इस बात पर जोर दिया गया है, कि इस तरह की घुसपैठ को संघीय दिशा-निर्देशों के तहत ‘प्रमुख साइबर सुरक्षा घटनाओं’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। उल्लंघन का पूरा प्रभाव अभी भी जांच के दायरे में है।

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