scriptExclusive Interview: विश्व हिन्दी दिवस पर यूरोप से दिए इंटरव्यू में सोशल मीडिया इन्फ्लुएन्सर धोली मीणा ने कहीं 10 बातें | Dholi Meena Celebrates World Hindi Day, Highlights the Importance of Hindi Language | Patrika News
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Exclusive Interview: विश्व हिन्दी दिवस पर यूरोप से दिए इंटरव्यू में सोशल मीडिया इन्फ्लुएन्सर धोली मीणा ने कहीं 10 बातें

World Hindi Day: यूरोप में रह रहीं राजस्थान मूल की सोशल मीडिया इन्फ्लुएन्सर धोली मीणा ने विश्व हिन्दी दिवस पर कहा कि हिन्दी हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पहचान का हिस्सा है। वे सोशल मीडिया के माध्यम से हिन्दी को बढ़ावा देने और इसे विश्वभर में फैलाने की दिशा में काम कर रही हैं।

नई दिल्लीJan 10, 2025 / 05:26 pm

M I Zahir

NRI Dholi Meena

NRI Dholi Meena

World Hindi Day : विश्व हिन्दी दिवस पर यूरोप से राजस्थान मूल की मशहूर सोशल मीडिया इन्फ्लुएन्सर धोली मीणा ( Dholi Meena) ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि “हिन्दी हमारे सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। यह केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी पहचान, हमारी संस्कृति और हमारे गौरव का प्रतीक है।”

सवाल 1: धोली मीणा, सबसे पहले तो, विश्व हिन्दी दिवस पर आप क्या संदेश देना चाहेंगी ?

धोली मीणा: विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर मैं यही कहना चाहूंगी कि हिन्दी हमारी सांस्कृतिक धरोहर और पहचान का अभिन्न हिस्सा है। यह केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी पहचान और हमारे गौरव का प्रतीक है। हमें अपनी इस धरोहर को संजोते हुए और अधिक बढ़ावा देना चाहिए।

सवाल 2: क्या आपको लगता है कि हिन्दी भाषा का डिजिटल युग में और अधिक प्रसार हो रहा है ?

धोली मीणा: हां, बिल्कुल। आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया और इंटरनेट का बहुत बड़ा प्रभाव है। इन माध्यमों से हम हिन्दी को और अधिक प्रसार कर सकते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर हिन्दी में संवाद करना बहुत आसान हो गया है, और यही कारण है कि हिन्दी को विश्वभर में फैलाने का यह सबसे अच्छा समय है। हम अपनी भाषा को ग्लोबल लेवल तक पहुंचा सकते हैं।

सवाल 3: आप यूरोप में रहते हुए हिन्दी को कैसे बढ़ावा दे रही हैं ?

धोली मीणा: यूरोप में रहते हुए भी मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि मैं हिन्दी में ही संवाद करूं, ताकि अपनी मातृभाषा को प्रमोट कर सकूं। सोशल मीडिया के माध्यम से मैं हिन्दी में कंटेंट शेयर करती हूं, वीडियो बनाती हूं, और अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करती हूं। इससे हिन्दी को एक नया प्लेटफॉर्म मिल रहा है, और लोग इसे समझने और बोलने में अधिक रुचि लेने लगे हैं।

सवाल 4: क्या आपको लगता है कि सोशल मीडिया ने हिन्दी भाषा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में मदद की है ?

धोली मीणा: बिल्कुल! सोशल मीडिया ने हिन्दी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब दुनिया भर में लोग हिन्दी सीख रहे हैं और इस भाषा के प्रति उनकी रुचि बढ़ रही है। इसके माध्यम से हम अपनी संस्कृति, विचार और विचारधारा को पूरी दुनिया तक पहुंचा सकते हैं। सोशल मीडिया ने हिन्दी को एक नया आयाम दिया है।

सवाल 5: हिन्दी भाषा के साथ आपका व्यक्तिगत संबंध कैसा है ?

धोली मीणा: हिन्दी मेरे लिए सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह मेरी पहचान और मेरी संस्कृति का हिस्सा है। मुझे गर्व है कि मैं हिन्दी बोलने वाली हूं। यह भाषा मुझे अपनी जड़ों से जुड़े रहने और अपनी संस्कृति को दूसरों तक पहुंचाने का अवसर देती है। हिन्दी से जुड़ी मेरी सारी यादें मेरी पारिवारिक परंपराओं और संस्कृतियों से जुड़ी हुई हैं, और यह मुझे हमेशा अपनी जड़ों से जुड़ा रहने का अहसास कराती है।

सवाल 6: हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए आप भविष्य में और क्या योजनाएं बना रही हैं ?

धोली मीणा: मेरी योजना यह है कि मैं अपनी सोशल मीडिया गतिविधियों को और अधिक बढ़ाऊं ताकि हिन्दी के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ सके। इसके अलावा, मैं कुछ ऑनलाइन अभियान और प्रतियोगिताएं भी शुरू करने की सोच रही हूं, जिससे लोग हिन्दी में अपने विचार व्यक्त कर सकें और इस भाषा से जुड़ सकें। मैं चाहती हूं कि हिन्दी को एक ग्लोबल भाषा के रूप में देखा जाए, और इसके प्रति लोग और अधिक सशक्त महसूस करें।

सवाल 7: हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए आपने किन खास पहलुओं पर काम किया है ?

धोली मीणा: मैंने खासतौर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया है। मैं अपने पोस्ट्स, वीडियोज और स्टोरीज़ में हिन्दी का उपयोग करती हूं, जिससे लोगों को हिन्दी सीखने और बोलने की प्रेरणा मिलती है। इसके साथ ही, मैं विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर हिन्दी में संवाद करती हूं, ताकि लोग यह महसूस करें कि यह भाषा सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में इसे समझा और बोला जा सकता है।

सवाल 8: क्या आपको लगता है कि हिन्दी को लेकर यूरोप में लोगों का नज़रिया बदल रहा है?

धोली मीणा: हां, बिल्कुल। यूरोप में भी अब हिन्दी के प्रति रुचि बढ़ रही है। बहुत से लोग यहां हिन्दी सीखने की कोशिश कर रहे हैं, और सोशल मीडिया ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। लोग हिन्दी को केवल एक भाषा के रूप में नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और जीवनशैली को समझने के एक माध्यम के रूप में देख रहे हैं। अब लोग हिन्दी सीखने और इसके बारे में अधिक जानने के लिए उत्साहित हैं।

सवाल 9: आप खुद को हिन्दी भाषा के प्रचार में किस प्रकार से देखती हैं?

धोली मीणा: मैं खुद को हिन्दी भाषा के प्रचारक के रूप में देखती हूं, क्योंकि मैं अपनी सोशल मीडिया गतिविधियों और व्यक्तिगत जीवन के माध्यम से इस भाषा को बढ़ावा दे रही हूं। मेरी यह कोशिश रहती है कि मैं हिन्दी को सिर्फ अपने देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय बना सकूं। सोशल मीडिया का एक बहुत बड़ा मंच है, और मैं इसका इस्तेमाल करके हिन्दी को दुनिया भर में फैलाने का काम कर रही हूं।

सवाल 10: हिन्दी के प्रचार के लिए आप अन्य लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगी?

धोली मीणा: मेरा संदेश यह है कि हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए और इसे बढ़ावा देना चाहिए। हिन्दी सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और पहचान का अहम हिस्सा है। हम सोशल मीडिया, पारिवारिक संवाद और अन्य माध्यमों से हिन्दी को और अधिक बढ़ावा दे सकते हैं। हम सभी को मिलकर इस भाषा को संजोते हुए, इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

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