ट्रंप समर्थकों ने की ओबामा और क्लिंटन की हूटिंग
कैपिटल वन एरेना में ट्रंप समर्थकों ने पूर्व राष्ट्रपति ओबामा और क्लिंटन को कैपिटल रोटुंडा समारोह हाल में जाते हुए देखकर हूटिंग की। क्लिंटन के साथ उनकी पत्नी, पूर्व प्रथम महिला और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भी मौजूद थीं। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश जूनियर भी यहां देखे गए। पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा समारोह में शामिल नहीं हुईं।टेक वर्ल्ड के दिग्गज हुए शामिल
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस, एप्पल के सीईओ टिम कुक, मेटा के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भी शपथ समारोग में शामिल हुए।बाइडन बोले- आज आनंद का दिन
ट्रंप के शपथग्रहण समारोह से कुछ समय पहले जब निवर्तमान राष्ट्रपति बाइडन से पूछा गया कि क्या उनके पास कोई अंतिम संदेश है, जबकि वह और जिल बाइडन व्हाइट हाउस में ट्रंप के आगमन की प्रतीक्षा कर रहे थे, तो बाइडन ने कहा, ‘आनंद’। फिर कुछ देर रुककर कहा “आशा।”हिलेरी क्लिंटन ने ‘अमरीकी की खाड़ी’ पर लगाए ठहाके
जब ट्रंप ने मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर अमरीका की खाड़ी करने की बात कही तो हिलेरी क्लिंटन ने खुलकर ठहाके लगाए। जब ट्रंप ने पनामा नहर के बारे में बात की तो उन्होंने अपना सिर हिलाया, जिसे ट्रंप वापस अमरीकी नियंत्रण में लाना चाहते हैं।शपथ समारोह के बीच बाइडन ने पांच परिवार के सदस्यों को माफ किया
जबकि ट्रंप का शपथग्रहण समारोह चल रहा था, राष्ट्रपति बाइडन ने अपने कार्यकाल के अंतिम क्षणों में अपने परिवार के सदस्यों के लिए क्षमादान की घोषणा की है। यह हैरान करने वाली घटना है। इस क्रम में बाइडन ने उनके भाई जेम्स बाइडन, उनकी भाभी सारा जोन्स बाइडन, उनकी बहन वैलेरी बाइडन ओवेन्स, उनके बहनोई जॉन टी. ओवेन्स और उनके सबसे छोटे भाई फ्रांसिस बाइडन को सजा से माफी दे दी।रामास्वामी भी हुए शामिल
विवेक रामास्वामी, जो ट्रंप के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशियंसी के दो सह-अध्यक्षों में से एक हैं, भी यहां मौजूद रहे। कहा जा रहा है कि रामास्वामी इस्तीफा देकर ओहायो के गवर्नर पद के लिए चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं।उद्घाटन समारोह में सुप्रीम कोर्ट के सभी 9 न्यायाधीश शामिल हुए
सोमवार के शपथ ग्रहण समारोह में सुप्रीम कोर्ट के सभी नौ न्यायाधीश और सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति स्टीफन ब्रेयर शामिल हुए। मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को शपथ दिलाई। अमरीका में मुख्य न्यायाधीश के पास शपथ दिलाने का कोई कानूनी दायित्व नहीं है। लेकिन यह एक स्थापित परंपरा बन गई है, जो 1797 से चली आ रही है।वैंस की पत्नी ने जिनके अंडर में काम किया, उन्हीं ने दिलाई शपथ
ट्रंपद्वारा नियुक्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ब्रेट कैवनौघ ने उपराष्ट्रपति पद के लिए चुने गए जेडी वेंस को शपथ दिलाई। वेंस की पत्नी उषा, कैवनौघ के लिए क्लर्क का काम करती थीं, जब वे निचली अदालत में सेवारत थे।व्हाइट हाउस से निकलने से पहले बाइडन ने ट्रंप को लिखा पत्र
ट्रंप के चाय के लिए व्हाइट हाउस पहुंचने की प्रतीक्षा करते हुए बाइडन ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने अपने पूर्ववर्ती और उत्तराधिकारी को एक पत्र लिखा है। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने क्या कहा, तो बाइडन ने जवाब दिया, “यह ट्रंप और मेरे बीच की बात है।”अमेरीका में आज से स्वर्ण युग! राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने रद्द किए बाइडेन सरकार के 78 फैसले
विशेषज्ञ ने निकाले ट्रंप के भाषण के मायने
1- अमेरिका वो धरती जहां असंभव होता संभव- ट्रंप प्रशासन की ताकत बेजोड़, सख्त और चौंकाने वाले फैसले होंगे।2- अमरीका का स्वर्णिम दौर शुरू- हर मुद्दे पर अमेरिका और अमरीकी को मिलेगी प्राथमिकता। अनावश्यक खर्चाें के साथ विदेशी संस्थाओं व देशों का अनुदान हो सकता है कम।
3- युद्ध विराम और शांतिदूत: युद्ध और संघर्ष रोकने के लिए ट्रंप सीधे सैन्य दखल नहीं देंगे लेकिन शांतिदूत बनने के प्रयास में विवादों में दखल दे सकते हैं। भारत-पाक विवाद में पहले दिखाई थी रूचि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अच्छे व्यक्तिगत संबंधों के कारण चिंता नहीं।
4- भगवान ने कुछ करने के लिए बचाया: अपने आप को ‘प्रभु-इच्छा’ से जोड़कर अपने कट्टर ईसाई समर्थकों में पैठ बनाने का प्रयास।
5- विविधता का सम्मान लेकिन सीमा पर आपातकाल: अमरीका में रह रहे शरणार्थियों व अवैध प्रवासियों की मुश्किलें बढ़ना तय। मानवाधिकारों के हनन की आशंका।
6- गल्फ ऑफ मेक्सिको नहीं, गल्फ ऑफ़ अमेरिका: अमरीका के पड़ोसियाें से तनावपूर्ण स्थितियां पैदा करेगा।दक्षिण अमरीका में उनके दोस्त खो सकता है।
7- बाहर वालों पर टैक्स, अमरीकियों को राहत: अमरीका में लोकप्रियता बढ़ेगी लेकिन फिलहाल अघोषित और अस्पष्ट टैरिफ नीति से पड़ोसियों के साथ चीन और भारत जैसे देशों पर बड़ा असर पड़ेगा। चीन पर सख्ती हुई तो भारत को हो सकता है फायदा।
8- अमरीका में महिला-पुरुष के अलावा सब लिंग अमान्य: इस घोषणा से हो सकता है विवाद। एलजीबीटी-क्यू समुदाय का अमरीका बड़ा केंद्र।
9- मंगल पर अमरीकी झंडा: अपने कट्टर समर्थक और टेस्ला प्रमुख एलन मस्क की योजना आगे बढ़ेगी। मस्क मंगल को न्यू वर्ड का नाम दे चुके हैं।
10- अपना तेल, अपना खनिज, अपना सोना, अपना उत्पादन: अमरीका को किसी भी चीज के लिए किसी और पर निर्भर होने की ज़रूरत नहीं है। बेबी ड्रिल से अमरीका की समृद्धि और रोजगार बढ़ेगा, ट्रंप की लोकप्रियता बढ़ेगी। दूसरी ओर अमरीका के आइसोलेट होने और प्रदूषण बढ़ने का खतरा भी।