भारत सरकार को बताना होगा- ट्रंप
गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मियामी में एक शिखर सम्मेलन में ये बयान दिया। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि “अमेरिका को भारत में 21 मिलियन डॉलर खर्च (Voter Turnout funding in India) करने की क्या जरूरत है। मुझे लगता है कि वे किसी और को जिताने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारत सरकार को बताना होगा… यह एक बड़ी सफलता है।” ट्रंप ने कहा कि “पिछले महीने हमने USAID (अमेरिका की तरफ से विदेशों को दी जाने वाली सहायता) को खत्म कर दिया जो इस ‘पागलपन’ में खर्च किया जा रहा था। इस तरह अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग यानी DOGE ने एक महीने के अंदर-अंदर 55 बिलियन डॉलर से ज्यादा की बचत कर ली। ये तो बस शुरूआत है। हम सरकार को छोटा करके अमेरिका की अर्थव्यवस्था को और तेजी से बढ़ाएंगे।”
‘भारत के पास बहुत पैसा तो क्यों अमेरिका कर रहा फंडिंग’
गौरतलब है कि बीते बुधवार को भी डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आवास मार-ए-लोगो से भी इस वोटर टर्नआउट फंडिंग पर बयान दिया था और कहा था कि भारत के पास बहुत पैसा है तो अमेरिका भारत को फंडिंग क्यों कर रहा है। उन्होंने कहा था कि भारत एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है तो उसे इन सबकी जरूरत नहीं। वे प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) का सम्मान करते हैं लेकिन सवाल वही है कि आखिर अमेरिका भारत को फंडिंग क्यों कर रहा है। बता दें कि 16 फरवरी को एलन मस्क (Elon Musk) के नेतृत्व वाले DOGE ने भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द कर दी थी। सिर्फ भारत ही नहीं, DOGE ने बांग्लादेश समेत कई देशों की फंडिंग को रोक दिया था। इसका कारण विभाग ने बताया था कि अमेरिका के टैक्सपेयर्स के पैसों से इस तरह की फंडिंग दूसरे देशों में की जा रही है, जो सही नहीं है।
वोटर टर्नआउट पर बीजेपी-कांग्रेस का आरोप-प्रत्यारोप
एलन मस्क के फंडिंग रद्द करने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस फंडिंग को आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप करार दिया था और कांग्रेस की UPA पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके कार्यकाल में ही इस तरह की विदेशी ताकतों को भारत में घुसपैठ की इजा़जत दी गई। वहीं बीजेपी के इस बयान पर कांग्रेस के अजय माकन ने इस मामले की जांच की मांग उठाई है।