बीएलए पहले ही कई हमले कर चुका है
BLA अक्सर अपनी गतिविधियों का ऐलान करता है, जिसमें CPEC जैसे विकास कार्यों को निशाना बनाने की योजना को स्पष्ट किया जाता है। बीएलए पहले ही कई हमले कर चुका है और इनकी जिम्मेदारी वह स्वीकार करता है। BLA का मुख्य उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से स्वतंत्र कराना है, और वे इसे अपनी स्वायत्तता के लिए लड़ाई के रूप में देखते हैं। CPEC जैसी परियोजनाएं उनकी नजर में क्षेत्रीय स्वायत्तता और उनके संसाधनों पर कब्जा करने का एक तरीका हैं। बलूचिस्तान में अत्यधिक प्राकृतिक संसाधन हैं, जैसे गैस, तेल और खनिज। BLA का कहना है कि पाकिस्तान और चीन इन संसाधनों का शोषण कर रहे हैं, जबकि स्थानीय लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। CPEC के विरोधी: BLA के लिए CPEC एक प्रतीक है कि पाकिस्तान और चीन बलूचिस्तान की आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय पहचान को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।सीपीईसी , महत्व और निर्माण लागत
CPEC पाकिस्तान के लिए एक बड़ी आर्थिक संभावनाओं का रास्ता खोल सकता है, लेकिन इस परियोजना को लेकर कई चुनौतियाँ भी हैं, जैसे राजनीतिक अस्थिरता, सुरक्षा मुद्दे और पर्यावरणीय प्रभाव। CPEC की कुल अनुमानित लागत लगभग 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये) है। इसमें ऊर्जा परियोजनाएं, सड़क नेटवर्क, रेलवे परियोजनाएं और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। CPEC की परियोजना 2013 में शुरू हुई थी और इसे चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके कई हिस्सों का निर्माण 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, अलबत्ता ग्वादर पोर्ट और ऊर्जा परियोजनाएं पहले ही चालू हो चुकी हैं।दोनों देशों के लिए चिंता का कारण
CPEC corridor: बलूचिस्तान में बन रहे CPEC कॉरिडोर पर BLA (Baloch Liberation Army) की ओर से संभावित हमले की खबरें पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए चिंता का कारण बन सकती हैं। BLA एक अलगाववादी संगठन है, जो बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग करता है और CPEC जैसी परियोजनाओं को अपनी क्षेत्रीय स्वायत्तता पर एक खतरे के रूप में देखता है। इस प्रकार के हमलों का पाकिस्तान और चीन दोनों पर गंभीर आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक प्रभाव हो सकता है। दरअसल CPEC (China-Pakistan Economic Corridor) एक विशाल इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना है, जो पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। यह कॉरिडोर मुख्य रूप से सड़क, रेलवे, ऊर्जा परियोजनाओं और बंदरगाहों का निर्माण करता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ेगा।CPEC के मुख्य घटक
सड़क मार्ग: CPEC के तहत एक नई सड़क बनाई जा रही है, जो पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से शुरू होकर चीन के काशगर क्षेत्र तक जाएगी। यह मार्ग लगभग 3,000 किलोमीटर लंबा होगा।पाक-चीन CPEC कॉरिडोर क्या है, इसकी लागत कितनी है और कब बनेगा
CPEC (China-Pakistan Economic Corridor) एक विशाल इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना है जो पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। यह कॉरिडोर मुख्य रूप से सड़क, रेलवे, ऊर्जा परियोजनाओं और बंदरगाहों का निर्माण करता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ेगा। CPEC की कुल अनुमानित लागत लगभग 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये) है। इसमें ऊर्जा परियोजनाएं, सड़क नेटवर्क, रेलवे परियोजनाएं और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। CPEC की परियोजना 2013 में शुरू हुई थी और इसे चरणों में पूरा किया जाएगा। विभिन्न हिस्सों का निर्माण 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन कुछ परियोजनाएं पहले ही चालू हो चुकी हैं, जैसे ग्वादर पोर्ट और ऊर्जा परियोजनाएं।सुरक्षा और राजनीतिक नुकसान
BLA का हमला पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति को और जटिल बना सकता है। बलूचिस्तान में अस्थिरता बढ़ने से पाकिस्तान को आंतरिक सुरक्षा संकट का सामना करना पड़ सकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।चीन को भी सुरक्षा की दृष्टि से बड़ा नुकसान हो सकता है, क्योंकि CPEC केवल एक आर्थिक परियोजना नहीं है, बल्कि यह चीन के ‘Belt and Road Initiative’ (BRI) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि CPEC को सुरक्षा खतरों का सामना करना पड़ता है, तो इससे चीन की वैश्विक व्यापारिक योजनाओं और उसकी रणनीतिक महत्वाकांक्षाओं को बड़ा धक्का लग सकता है।
प्रभावित व्यापार और कनेक्टिविटी
CPEC के तहत ग्वादर पोर्ट को चीन के पश्चिमी प्रांतों और मध्य एशिया तक पहुंच प्रदान करने के लिए विकसित किया जा रहा है। अगर इस पर हमले होते हैं, तो इससे चीन की व्यापारिक और ऊर्जा आपूर्ति की योजनाओं में रुकावट आ सकती है। ग्वादर पोर्ट के माध्यम से चीन को ऊर्जा संसाधनों का आयात और निर्यात करने में समस्या हो सकती है।साथ ही, पाकिस्तान और चीन के बीच कनेक्टिविटी का भी संकट उत्पन्न हो सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग में रुकावटें आ सकती हैं।