इजरायली सेना ने कहा कि टॉप कमांडर हकम मोहम्मद अल इस्सा हमास की सैन्य ताकत बढ़ाने का काम करता था। IDF ने कहा कि अल इस्सा हमास की वायु और नौसेना हमलों की योजनाओं में भी अहम भूमिका निभा चुका था, लेकिन अब वह मारा जा चुका है।
2005 में सीरिया से गाजा आया था इस्सा
बताया जाता है कि इस्सा हमास के जनरल सिक्योरिटी काउंसिल का सदस्य, ट्रेनिंग हेडक्वार्टर का प्रमुख और अल कसम ब्रिगेड की मिलिट्री एकेडमी का सह-संस्थापक भी था। वह कथित तौर पर हजारों आतंकियों को प्रशिक्षित करने में और तकनीकी क्षमता विकसित करने में लगा हुआ था। IDF ने बताया कि इस्सा ने सीरिया और इराक में युद्ध की ट्रेनिंग ली थी। साल 2005 में सीरिया से गाजा में आया था। इसके बाद वह हमास के सैन्य संगठन का अहम हिस्सा बन गया।
72 निर्दोषों की मौत का आरोप
इजरायली सेना पर आरोप है कि उसने इस्सा को मारने के लिए 72 निर्दोष नागरिकों की बलि ले ली। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायली हमले में कम से कम 72 लोगों की मौत हुई। इनमें तीन बच्चे और उनके मां-पिता भी शामिल हैं। खान यूनिस के मुवासी में तंबू में सो रहे परिवार पर मिसाइल गिरने से पूरा घर जलकर राख हो गया। परिजनों ने कहा कि इन बच्चों ने उनका क्या बिगाड़ा था?
इधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा कि अगले सप्ताह इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता हो सकता है। ट्रंप ने कहा कि हम गाजा की स्थिति पर काम कर रहे हैं। इसमें मदद करने की कोशिश की जा रही है।