इतनी बड़ी संपत्ति बनाना अवैध विदेशी फंडिंग की ओर इशारा करता है
एडीएसएम ( ADSM) लीडर और ‘जातीय नागरिक कमेटी’ के संस्थापक सरजिस आलम ने 7.65 मिलियन डॉलर (65 करोड़ रुपये) क्रिप्टोकरेंसी टेथर (Tether) में निवेश किए। एक बहुत साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आकर इतनी बड़ी संपत्ति बनाना अवैध विदेशी फंडिंग की ओर इशारा करता है। अंतरिम सरकार में आईटी एडवाइजर और एडीएसएम कोऑर्डिनेटर नाहिद इस्लाम ने 204.64 बिटकॉइन (BTC) का निवेश किया है, जिसकी कीमत 17.14 मिलियन डॉलर (147 करोड़ रुपये) है। इस भारी निवेश ने उनके पैसे के स्रोत पर गंभीर सवाल खड़े कर किए हैं। सीटीजी विश्वविद्यालय (CTG University) से जुड़े एडीएसएम लीडर खान तलत महमूद रफी ने 11.094 बिटकॉइन का निवेश किया, जिसकी कीमत 1 मिलियन डॉलर (8.60 करोड़ रुपये) है। उनकी कोई ज्ञात संपन्न पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं होने के बावजूद इतना बड़ा निवेश मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा करता है।
बांग्लादेश के मीडिया पर भी उठे सवाल
बांग्लादेश में प्रधान सलाहकार के प्रेस सचिव और पत्रकार शफीकुल आलम के पास 93.06 बिटकॉइन (10 मिलियन डॉलर, लगभग 86 करोड़ रुपये) की संपत्ति पाई गई है। इससे जाहिर होता है कि इस आंदोलन से जुड़े मीडिया के लोग भी विदेशी फंडिंग के जाल में फंसे हुए थे। जो आंदोलन कभी छात्रों की ओर से नेतृत्व किए गए बदलाव के प्रयास के रूप में देखा जा रहा था, अब उस आंदोलन पर विदेशी फंडिंग और क्रिप्टो करेंसी निवेश करने के आरोप लगने लगे हैं। इस भारी निवेश से वित्तीय अनियमितताओं का शक गहराया है।
आंदोलन की शुरुआत और उसके परिणाम
यह आंदोलन पिछले साल अगस्त में छात्रों द्वारा आरक्षण के खिलाफ शुरू किया गया था, जो बाद में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को गिराने तक पहुंच गया। इसके बाद, देश में कुछ समय के लिए अंतरिम सरकार बनी, और चुनावों के आयोजन की उम्मीद जताई गई थी, लेकिन अब तक चुनाव नहीं हुए हैं। जो छात्र पहले सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे, अब वे राजनीतिक दल बना चुके हैं।